AMU में प्रो. मुजीब अंसारी को मिली बड़ी जिम्मेदारी, बने पॉलिटेक्निक के नए प्राचार्य
<p style="text-align: justify;"><strong>Aligarh Muslim University:</strong> अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के शिक्षाविद समाज में एक नई उपलब्धि जुड़ गई है. विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित सिविल इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. मुजीब अहमद अंसारी को यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक (Boys) का नया प्राचार्य नियुक्त किया गया है. प्रो. अंसारी ने 16 जून को जिम्मेदारी संभाल ली है. यह नियुक्ति एक वर्ष की अवधि के लिए की गई है, जो उनके वर्तमान शैक्षणिक दायित्वों के साथ-साथ प्रभावी रहेगी.</p>
<p style="text-align: justify;">इसके साथ ही प्रोफेसर अंसारी को विश्वविद्यालय के कम्युनिटी कॉलेज का नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया गया है, जिससे उनके कंधों पर शैक्षणिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी आ गई है. यह कदम विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उनके अब तक के उत्कृष्ट कार्य, अनुशासन, अनुभव और शैक्षणिक नेतृत्व क्षमता को देखते हुए लिया गया है.</p>
<p style="text-align: justify;">प्रोफेसर मुजीब अहमद अंसारी का शैक्षणिक जीवन प्रेरणा का स्रोत रहा है. उन्हें शिक्षण के क्षेत्र में तीन दशक से अधिक का अनुभव है. उन्होंने देश-विदेश की अनेक शैक्षणिक संस्थाओं में शोध और शिक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उनके मार्गदर्शन में अनेक छात्र-छात्राओं ने शोध और प्रोजेक्ट पूरे किए हैं, जो आज विभिन्न तकनीकी और वैज्ञानिक क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">वे वर्तमान में एएमयू के जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं, जहाँ उनका अनुसंधान मुख्य रूप से जल संसाधन प्रबंधन, हाइड्रोलॉजी, पर्यावरणीय इंजीनियरिंग और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित रहा है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>58 </strong><strong>शोध पत्रों का प्रकाशन</strong></p>
<p style="text-align: justify;">प्रो. अंसारी का शैक्षणिक योगदान केवल शिक्षण तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने शोध के क्षेत्र में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है. उनके अब तक कुल 58 शोध पत्र प्रतिष्ठित राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं. उनके शोध कार्यों का उपयोग केवल शैक्षणिक स्तर पर ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक स्तर पर भी किया गया है. वे कई शैक्षणिक संगठनों और तकनीकी समितियों के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं और समय-समय पर तकनीकी सेमिनारों, कार्यशालाओं और सम्मेलन में आमंत्रित वक्ता के रूप में भी भाग लेते रहते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">प्रो. अंसारी का तकनीकी क्षेत्र में जुड़ाव भी अत्यंत गहरा है. वे इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के एसोसिएट सदस्य हैं. इसके अतिरिक्त, वे इंडियन एसोसिएशन ऑफ हाइड्रोलॉजिस्ट्स, रुड़की तथा इंडियन सोसाइटी फॉर हाइड्रॉलिक्स, पुणे के आजीवन सदस्य भी हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">इन संस्थाओं से जुड़े होने के कारण वे विभिन्न स्तरों पर हो रहे तकनीकी विकास और शोध कार्यों से प्रत्यक्ष जुड़े रहते हैं, जिससे उनकी शैक्षणिक दूरदृष्टि को व्यापकता मिली है. उनकी नियुक्ति से यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक को न केवल एक अनुभवी शिक्षाविद का नेतृत्व मिलेगा, बल्कि एक कुशल प्रशासक के मार्गदर्शन में संस्थान को नई ऊंचाइयां छूने का अवसर भी प्राप्त होगा.</p>
<p style="text-align: justify;">एएमयू कुलपति व , प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ ने उन्हें इस नियुक्ति पर बधाई देते हुए आशा जताई है कि उनके नेतृत्व में यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक में नवाचार, अनुशासन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बल मिलेगा.</p>
<p style="text-align: justify;">वहीं प्रो. अंसारी की नियुक्ति की खबर जैसे ही विश्वविद्यालय परिसर में फैली, छात्र-छात्राओं और फैकल्टी सदस्यों में हर्ष की लहर दौड़ गई. विश्वविद्यालय परिवार ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और आशा जताई कि उनका कार्यकाल एएमयू के तकनीकी शिक्षा क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा.</p>
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