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Bastar police arrested cyber fraudsters in noida duped 20 lakh from retired banker in Chhattisgarh ann


Chhattisgarh Crime News: छत्तीसगढ़ के बस्तर पुलिस ने इंश्योरेंस के नाम पर 20 लाख की ठगी करने वाले अर्न्तराज्यीय साइबर ठग गिरोह के 2 आरोपियों को नोएडा उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है. गिरोह के सदस्यों ने खुद को एक फर्जी बीमा कंपनी IRDR का अधिकारी बताकर जगदलपुर निवासी  रिटायर्ड बैंक मैनेजर आनंदराव देशमुख को झांसे में लिया.

उन्होंने बंद पड़ी इंश्योरेंस पॉलिसी का भुगतान दिलाने का लालच देकर अलग-अलग खातों में 20 लाख रुपये मंगवा लिए. ठगी का अंदेशा होने पर पीड़ित ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद साइबर की टीम ने नोएडा में 3 दिन तक कैंप कर आरोपियों की तलाश की. टीम ने लवकुश और राहुल कुमार नाम के 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

पुलिस ने 7 मोबाइल फोन, ATM कार्ड और दस्तावेज किए जब्त

पुलिस ने उनके पास से 7 मोबाइल फोन, ATM कार्ड और अन्य दस्तावेज भी जब्त किए हैं. बस्तर SP सलभ सिन्हा ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि प्रार्थी आनंद राव देशमुख ने कोतवाली थाना में शिकायत दर्ज कराई कि उन्होंने साल 2015 में HDFC लाइफ इंश्योरेंस की पॉलिसी ली थी. एक महीने प्रीमियम की राशि जमा करने के बाद उन्होंने प्रीमियम की राशि भरना छोड़ दिया था.

इसके बाद उनके पास एक कॉल आया और खुद को  IRDR का अधिकारी बताकर प्रीमियम को रिन्यू करने पर मैच्योरिटी की पूरी राशि मिलने का झांसा दिया और उसके बाद प्रार्थी से इसे रिन्यू करने के नाम पर अलग-अलग खातों में राशि डलवाकर बीते 2 सालों में 20 लाख रुपये की ठगी कर ली. इसके बाद प्रार्थी को ठगी का अंदेशा होने पर इसकी रिपोर्ट कोतवाली थाना में दर्ज कराई.

आरोपी कॉल सेंटर में करते थे काम 

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि दोनों आरोपी कॉल सेंटर में काम करते थे, वहीं से इन्होंने लोगो के डाटा चुराये और उसके बाद जगदलपुर निवासी आनंद राव देशमुख को ठगी का शिकार बनाया. फिलहाल पुलिस ने आरोपियों के अकाउंट से 9 लाख रुपये  प्रार्थी  को रिफंड करवाए , वहीं अन्य शेष बची रकम की वसूली की जा रही है.

बस्तर SP का कहना है कि आरोपियों से लगातार पूछताछ की जा रही है. उनके गिरोह में और भी लोग सक्रिय हो सकते हैं. साथ ही गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के भी लोगो से ठगी की बात सामने आ रही है. इसकी भी पूरी जानकारी ली जा रही है. दोनों आरोपी पिछले कुछ सालों से फेक कॉल कर ठगी के वारदात  को अंजाम दे रहे थे. फिलहाल  इनके पुराने रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं. 



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