Basti Expired medicines given in community health center Rudhauli ann
Basti News: स्वास्थ्य सेवाएं किसी भी सभ्य समाज की रीढ़ होती हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहाँ लोगों के पास सीमित विकल्प होते हैं. क्या हो जब स्वास्थ्य केंद्र ही लापरवाही और भ्रष्टाचार का अड्डा बन जाएं, तो मरीजों का भरोसा और उनकी जिंदगी दोनों खतरे में पड़ जाती हैं. मामला बस्ती जनपद के गौर और रुधौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सामने आया है, यहां मरीजों की जिंदगी से सरेआम खिलवाड़ किया जा रहा है. मुख्यमंत्री के स्पष्ट आदेशों के बावजूद, यहाँ मरीजों का उत्पीड़न थमने का नाम नहीं ले रहा है.
बस्ती जनपद का रुधौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जो आसपास के दर्जनों गांवों के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा का एकमात्र बड़ा केंद्र है, इन दिनों अपनी बदहाली अनियमितताओं और कर्मचारियों की मनमानी के चलते सुर्खियों में है. यहां मरीजों को मिलने वाली मूलभूत सुविधाएँ भी सवालों के घेरे में हैं. आलम यह है कि यहां के कर्मचारी मरीजों की सेवा करने के बजाय अपनी जेब भरने और अपनी मनमानी चलाने में अधिक व्यस्त हैं.
फार्मासिस्ट ने मरीज को दी एक्सपायरी दवा
रुधौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एक बेहद चौकाने वाला सामने आया है. दरअसल, फार्मासिस्ट ओमप्रकाश मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने एक महिला मरीज पुष्पावती को छह माह पूर्व एक्सपायर हो चुकी दवा थमा दी. जब मरीज ने इस पर आपत्ति जताई और अपनी जान का खतरा महसूस करते हुए सवाल खड़े किए, तो फार्मासिस्ट महोदय ने शर्मिंदा होने के बजाय उल्टे उसे अंदर की दवा न देने और बाहर से दवा लेने की धमकी तक दे डाली.
यह कृत्य केवल घोर लापरवाही नहीं, बल्कि मरीजों के स्वास्थ्य के साथ सीधा खिलवाड़ और उनके जीवन को खतरे में डालना है. सवाल यह भी खड़ा होता है कि फार्मासिस्ट को किसका साथ मिला है जो अपनी गलती मानने की बजाय उल्टा सीना चौड़ाकर मरीज के परिवार वालो को धमकी दे डाली. सवाल यह भी है कि क्या यह किसी बड़े रैकेट का हिस्सा है, जहां एक्सपायर दवाओं को खपाया जा रहा है?
गौर स्वास्थ्य केंद्र में गैर हाजिर रहे डॉक्टर
दूसरा मामला गौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां दिन में तो डॉक्टर मिल जाएंगे मगर रात में आप अगर इस अस्पताल में इलाज के लिए जाने की सोच रहे है तो अपनी जिंदगी भगवान के भरोसे छोड़ कर जाएगा. बीती रात एक मरीज एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल हो गया, जब वह इलाज के लिए खून से लतपथ गौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा तो उसे इलाज नहीं मिला. क्योंकि अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था, डॉक्टर के अभाव में घायल मरीज का इलाज नहीं हो पाया और उसे घंटों तड़पने को मजबूर होना पड़ा.
बीजेपी नेता अमन शुक्ला ने खुद का दुर्व्यवस्था की पोल खोली और उच्च अधिकारियों से मांग किया कि जल्द से जल्द अस्पताल के इन हालातों को ठीक किया जाए. फिलहाल डॉक्टरों की तैनाती के बावजूद कामचोरी आम मरीजों की जिंदगी पर भारी पड़ रहा है. वहीं इस मामले में सीएमओ राजीव निगम ने कहा कि प्रकरण संज्ञान में आया है, वे खुद जांच करने गौर सीएचसी पहुंचे है, जो भी तथ्य सामने आएंगे कार्यवाही की जाएगी.
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