Basti man molested girl student returning home from library police registered complaint ANN
Basti News: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में आज बेहद ही शर्मनाक और भयावह घटना सामने आई, जिसने एक बार फिर सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा के दावों की पोल खोल दी. दुबौलिया थाना क्षेत्र के बैरागल पेट्रोल पंप के पास एक मनचले युवक ने दिनदहाड़े एक छात्रा को अपना शिकार बनाया. आरोपी, जिसकी पहचान आलम सिद्धकी के रूप में हुई है, उसने न केवल छात्रा के साथ छेड़छाड़ की, बल्कि उसकी दुपट्टे से गला दबाकर जान से मारने की भी कोशिश की. इस हृदयविदारक घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं.
पीड़ित छात्रा, जो स्थानीय पुस्तकालय से ज्ञान अर्जित कर अपने घर लौट रही थी, शायद ही इस बात से अंजान थी कि रास्ते में एक दरिंदा उसकी राह ताक रहा है. आरोपी आलम सिद्धकी, जो पीड़िता को पहले से ही परेशान कर रहा था. उसने आज अपनी नीच हरकत की सारी हदें पार कर दीं. छात्रा के अनुसार, जब वह अपनी साइकिल से जा रही थी, तो आलम ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया. बैरागल पेट्रोल पंप के नजदीक पहुंचते ही, उसने छात्रा की साइकिल को जोर से धक्का मार दिया, जिससे वह सड़क पर गिर पड़ी.
आरोपी ने बीच सड़क पर पीड़ित छात्रा के साथ की जबरदस्ती
इसके बाद जो हुआ, वह और भी खौफनाक था. आरोपी ने गिरी हुई छात्रा के साथ अभद्र व्यवहार करना शुरू कर दिया और उसकी आबरू से खिलवाड़ करने की कोशिश की. जब साहसी छात्रा ने उसका विरोध किया, तो वह हैवानियत पर उतर आया और उसने छात्रा के गले में उसका दुपट्टा कसकर उसे मारने का प्रयास किया. पीड़िता ने अपनी दर्दनाक आपबीती सुनाते हुए बताया कि यह सब कुछ बीच सड़क पर, लोगों की आवाजाही के बीच होता रहा, लेकिन दुर्भाग्यवश कोई भी उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया. सड़क पर तमाशबीनों की भीड़ जमा रही, लेकिन किसी ने भी उस अकेली लड़की को उस दरिंदे के चंगुल से बचाने की हिम्मत नहीं दिखाई.
घटना की सूचना मिलते ही दुबौलिया थाने की पुलिस हरकत में आई और तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर आरोपी आलम सिद्धकी को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है.
घटना पर पुलिस उपाधीक्षक ने क्या बोला
इस गंभीर घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, बस्ती के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) प्रदीप त्रिपाठी ने कहा कि पुलिस इस मामले को अत्यंत गंभीरता से ले रही है. उन्होंने आश्वासन दिया कि आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और पीड़िता को न्याय दिलाया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस इलाके में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और इस तरह की घटनाओं को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
हालांकि, डीएसपी के आश्वासन के बावजूद, इस घटना ने बस्ती जिले में महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. दिनदहाड़े एक व्यस्त इलाके में इस तरह की घिनौनी वारदात का होना यह दर्शाता है कि अपराधियों के मन में कानून का कोई खौफ नहीं है. इसके अलावा, बीच सड़क पर लड़की के साथ इतनी बर्बरता होने और किसी भी राहगीर का उसकी सहायता के लिए आगे न आना, समाज के संवेदनहीन चेहरे को भी उजागर करता है. यह घटना न केवल कानून व्यवस्था की विफलता है, बल्कि मानवीय मूल्यों के पतन का भी एक दुखद उदाहरण है.
बस्ती में छेड़छाड़ की ये पहली घटना नहीं है
यह पहली बार नहीं है जब बस्ती जिले में महिलाओं के खिलाफ इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं. पहले भी छेड़छाड़ और उत्पीड़न के कई मामले दर्ज हुए हैं, लेकिन इस ताजा घटना ने लोगों के मन में डर और गुस्सा दोनों पैदा कर दिया है. स्थानीय लोगों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और मांग की है कि आरोपी को जल्द से जल्द कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई और इस तरह की घिनौनी हरकत करने की हिम्मत न कर सके.
इस घटना के बाद, यह जरूरी हो जाता है कि पुलिस प्रशासन अपनी गश्त और निगरानी को और अधिक प्रभावी बनाए. सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष कदम उठाए जाने चाहिए. इसके अलावा, समाज के सभी वर्गों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और ऐसी घटनाओं के खिलाफ आवाज उठानी होगी. मूक दर्शक बने रहने की प्रवृत्ति को त्यागना होगा, तभी हम एक सुरक्षित और सम्मानजनक समाज का निर्माण कर पाएंगे.
बस्ती में हुई यह घटना एक चेतावनी है कि हमें महिलाओं की सुरक्षा को लेकर और अधिक गंभीर होने की आवश्यकता है. सिर्फ कानून बना देने से या आश्वासन देने से कुछ नहीं होगा, धरातल पर ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है ताकि बेटियां और बहनें बिना किसी डर के अपने घरों से निकल सकें और सुरक्षित वापस आ सकें. आलम सिद्धकी जैसे दरिंदों को यह संदेश देना होगा कि उनके घिनौने कृत्यों के लिए समाज में कोई जगह नहीं है और उन्हें कानून के शिकंजे से बचाया नहीं जा सकेगा. अब देखना यह है कि बस्ती पुलिस इस मामले में कितनी तेजी और निष्पक्षता से कार्रवाई करती है और पीड़िता को न्याय दिलाने में सफल होती है.
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