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Basti Waqf Act Dispute between two BJP leaders during awareness campaign ANN


Basti News: केंद्र सरकार ने हाल ही में संशोधित वक्फ कानून पर मुसलमानों को जागरूक करने के लिए राष्ट्र व्यापी अभियान की शुरुआत की है, जिसके क्रम में बीजेपी को मुस्लिम समुदाय के सम्मेलन में उन्हें इस कानून की जानकारी देने की जिम्मेदारी दी गई है. जिसको लेकर जनपद में भाजपा के द्वारा बस्ती के एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में उस समय अप्रत्याशित हंगामा हो गया, जब पार्टी के ही दो वरिष्ठ नेता आपस में भिड़ गए. घटना बस्ती जिले में आयोजित ‘वक्फ सुधार जन जागरण अभियान’ के दौरान हुई, जहां नेताओं के बीच मंच पर बैठने और नाम न पुकारे जाने को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि हाथापाई की नौबत आ गई.

बीजेपी ने वक्फ कानून में किए गए संशोधनों के बारे में मुस्लिम समुदाय को जानकारी देने और उनका समर्थन जुटाने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया था. पार्टी का उद्देश्य था कि इस कार्यक्रम के माध्यम से सरकार की बात मुसलमानों तक पहुंचे, और उन्हें वक्फ कानून के लाभों से अवगत कराया जा सके.

कार्यक्रम में बीजेपी के कई नेता रहे शामिल
कार्यक्रम में बीजेपी के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय, जिला अध्यक्ष विवेकानंद मिश्रा और दर्जा प्राप्त मंत्री गौ सेवा आयोग और पूर्व जिला अध्यक्ष महेश शुक्ला सहित कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे. कार्यक्रम की शुरुआत में जब मंच पर नेताओं को आमंत्रित किया गया, तो महेश शुक्ला का नाम नहीं लिया गया और न ही उन्हें मंच पर बैठने के लिए आमंत्रित किया गया. इससे महेश शुक्ला नाराज हो गए और उन्होंने मंच पर ही अपनी नाराजगी व्यक्त करनी शुरू कर दी.

महेश शुक्ला के विरोध के बाद, मंच पर उपस्थित अन्य नेताओं के साथ उनकी तीखी बहस हुई. देखते ही देखते बहस इतनी बढ़ गई कि हाथापाई की नौबत आ गई. उपस्थित लोगों के अनुसार, महेश शुक्ला ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर हंगामा शुरू कर दिया, जिससे कार्यक्रम में अफरा-तफरी मच गई.

क्षेत्रीय अध्यक्ष ने दोनों पक्षों को कराया शांत
स्थिति को बिगड़ता देख, क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय ने हस्तक्षेप किया और दोनों पक्षों को शांत करने की कोशिश की. उन्होंने नेताओं को समझा बुझाकर मामला शांत कराया, जिसके बाद कार्यक्रम दोबारा शुरू हो सका. इस घटना ने बस्ती के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. बीजेपी के अंदरूनी कलह की यह घटना चर्चा का विषय बन गई है. लोग इस घटना को पार्टी के भीतर गुटबाजी और आपसी खींचतान का परिणाम बता रहे हैं.

स्थानीय लोगों ने इस घटना पर निराशा व्यक्त की है. उनका कहना है कि इस तरह के कार्यक्रमों में नेताओं का आपसी झगड़ा पार्टी की छवि को खराब करता है और जनता में गलत संदेश जाता है. इस घटना पर बीजेपी के स्थानीय नेतृत्व ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. हालांकि, पार्टी के कुछ नेताओं ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और कहा है कि पार्टी इस मामले की जांच करेगी.

पार्टी के अंदरूनी मतभेद उजागर
यह घटना बीजेपी के अंदरूनी मतभेदों को उजागर करती है. वक्फ कानून पर जागरूकता अभियान जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में नेताओं का इस तरह का व्यवहार पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. यह घटना दर्शाती है कि पार्टी के भीतर आपसी समन्वय और अनुशासन की कमी है, जिसे दूर करना आवश्यक है. 

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