Bengaluru Chinnaswamy Stadium Stampede FIR Against RCB DNA KSCA Administrative Committee
RCB Victory Parade Stampede: चिन्नावस्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ के मामले में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. हादसे के 24 घंटे बाद पुलिस ने ये एक्शन लिया है. आरसीबी, डीएनए (इवेंट मैनेजर), कर्नाटक क्रिकेट एशोसिएशन के खिलाफ कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर में भगदड़ की घटना में आपराधिक लापरवाही की बात कही गई है. एफआईआर में धारा 105, 125 (1) (2), 132, 121/1, 190 आर/डब्ल्यू 3 (5) लगाई गई है.
स्टेडियम के भीतर जश्न को कैंसल करने का किया था अनुरोध
आरसीबी ने 3 जून को आईपीएल का अपना पहला खिताब जीता था, जिसके बाद टीम की विक्ट्रू परेड निकालने की बात सामने आई थी. 4 जून को सुबह से ही सड़कों पर भीड़ उमड़ने लगी. भीड़ को देखते हुए पुलिस ने विक्ट्री परेड की परमिशन नहीं दी और इसे कैंसिल कर दिया गया. पुलिस ने एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुए उस जश्न को भी स्थगित करने का अनुरोध किया था. उनका मानना था कि अभी फैंस में बहुत उत्साह है, क्योंकि एक दिन पहले ही टीम ने ट्रॉफी जीती है.
आरसीबी 4 जून को ही करना चाहती थी कार्यक्रम
पुलिस चाहती थी कि आरसीबी ये प्रोग्राम रविवार (8 जून 2025) को आयोजित करे, लेकिन आरसीबी ने तर्क दिया था कि उनके विदेशी खिलाड़ी अपने देश लौट जाएंगे इसलिए वे 4 जून को ही कार्यक्रम रखना चाहते हैं. बेंगलुरु के शहरी उपायुक्त जी जगदीश ने इससे पहले कहा कि भगदड़ की घटना की जांच में शामिल होने के लिए कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए), रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और पुलिस आयुक्त बी दयानंद को नोटिस जारी किया जाएगा.
बेंगलुरु हादसे का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
चिन्नास्वामी स्टेडियम का निरीक्षण किया जहां बुधवार को भगदड़ मची थी. बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास बुधवार (4 जून 2025) को मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए. इस भगदड़ का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने संज्ञान लिया है. उसने जिला प्रशासन और पुलिस को नोटिस भेजकर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है.
एनएचआरसी के अनुसार यह आरोप लगाया गया है कि अधिकारियों की ओर से भीड़ को नियंत्रण करने का प्रबंधन खराब था और हैरानी की बात यह है कि त्रासदी होने और स्टेडियम के बाहर शव पड़े होने के बावजूद स्टेडियम के अंदर उत्सव और जश्न जारी रहा. एनएचआरसी ने बताया कि शिकायतकर्ता ने मामले में आयोग से हस्तक्षेप करने की मांग की और उच्च स्तरीय जांच, जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय करने, पीड़ितों को मुआवजा और न्याय दिलाने का अनुरोध किया.