Bengaluru stampede incident photographer Chinnappa eyewitnesses revealed negligence of police and the government ANN
Bengaluru Stampede: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की ऐतिहासिक जीत के बाद कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु शहर में आयोजित विजय जुलूस और सम्मान समारोह के दौरान जो अफरातफरी और भगदड़ हुई, उसके पीछे क्या केवल भीड़ जिम्मेदार थी या सरकार और पुलिस की योजना विफलता. इस सवाल का जवाब प्रसिद्ध फोटोग्राफर चिनप्पा और अन्य प्रत्यक्षदर्शियों की एक्सक्लूसिव बातचीत में मिला, जो घटना के दौरान विधानसभा के बाहर मौजूद थे.
फोटोग्राफर चिनप्पा के मुताबिक 2 से 3 लाख की भीड़ होने की बावजूद प्रशासन पूरी तरह नदारद थी. सुबह 10 बजे से ही सूचना थी कि खिलाड़ी एयरपोर्ट से विधानसभा आएंगे, इसलिए लोग विधानसभा के बाहर इकट्ठा होने लगे. उस वक्त विधानसभा के बाहर 2-3 लाख लोग जमा हो चुके थे. लोग पेड़ों तक पर चढ़े हुए थे – कई जगह आज भी RCB के झंडे लटके हुए हैं. पुलिस-प्रशासन पूरी तरह गायब था; कोई कंट्रोल नहीं, कोई बैरिकेडिंग नहीं थी. इस बीच दोपहर 2-3 बजे के बाद भीड़ बेकाबू होने लगी.
भ्रम और अफवाह: आयोजन की कोई स्पष्ट योजना नहीं
पहले कहा गया कि खिलाड़ी विधानसभा में दिखेंगे, फिर कहा गया स्टेडियम जाएंगे, लेकिन स्टेडियम में भी एंट्री सीमित थी. लोग समझ ही नहीं पाए कहां जाना है. लोग दौड़ते हुए विधानसभा की बाउंड्री फांदकर अंदर घुसने लगे. सुरक्षाकर्मियों ने लोगों को खदेड़ना शुरू किया, जिससे भीड़ में भगदड़ मच गई. लोगों को जानकारी नहीं दी गई कि असल समारोह कहां होगा.
फोटोग्राफर चिनप्पा का सीधा आरोप: यह सरकार की विफलता है
फोटोग्राफर चिनप्पा ने सीधे तौर पर हादसे के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. यह हादसा खुशी को गम में बदलने वाला था. अगर एक-दो दिन बाद अच्छी प्लानिंग से यह आयोजन होता तो यह टल सकता था. चिनप्पा और अन्य चश्मदीदों ने बताया कि सरकार ने भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को हल्के में लिया. RCB की जीत का उत्साह पहले से ही चरम पर था, फिर भी कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई गई.