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Bhargavastra Anti Drone System: भारत ने बुधवार (14 मई 2025) को ओडिशा के गोपालपुर में स्वदेशी एंटी ड्रोन सिस्टम ‘भार्गवास्त्र’ का सफल परीक्षण किया. यह एक साथ मल्टीपल ड्रोन पर प्रहार करने में सक्षम है. भार्गवास्त्र को सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (SDAL) की ओर से डिजायन किया गया है. यह परीक्षण पाकिस्तान के साथ सीजफायर समझौते के कुछ दिनों बाद किया गया है.
बड़े पैमाने पर ड्रोन हमलों को रोकने में होगा सक्षम
ओडिशा के गोपालपुर में 13 मई 2025 को आर्मी एयर डिफेंस (एएडी) के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में रॉकेट के तीन परीक्षण किए गए. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक दो परीक्षण एक-एक रॉकेट दागकर किए गए. वहीं एक परीक्षण दो सेकंड के भीतर साल्वो मोड में दो रॉकेट दागकर किया गया. रिपोर्ट के अनुसार सभी रॉकेट ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया और आवश्यक लॉन्च पैरामीटर हासिल किए, जो बड़े पैमाने पर ड्रोन हमलों को रोकने में सक्षम होगा.
6-10 किमी दूर से ही कर लेगा दुश्मन की पहचान
भार्गवास्त्र एक बहुस्तरीय एंटी ड्रोन प्रणाली है, जो तेजी से आने वाले कई ड्रोन का पता लगाकर उसे नष्ट करने में सक्षम है. यह उपलब्धि भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति और मेक इन इंडिया मिशन की सफलता को दर्शाती है. यह एंटी ड्रोन सिस्टम 6 से 10 किलोमीटर दूर से उन ड्रोनों का पता लगा सकती है, जिनमें इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड (EO/IR) सेंसर, रडार और RF रिसीवर लगे हुए हों. वहीं भार्गवास्त्र 2.5 किमी की दूरी पर ड्रोनों को नष्ट कर सकती है, जिसमें 20 मीटर का घातक दायरा है.
#WATCH | A new low-cost Counter Drone System in Hard Kill mode ‘Bhargavastra’, has been designed and developed by Solar Defence and Aerospace Limited (SDAL), signifying a substantial leap in countering the escalating threat of drone swarms. The micro rockets used in this… pic.twitter.com/qM4FWtEF43
— ANI (@ANI) May 14, 2025
चीन-तुर्किए के ड्रोनों की खैर नहीं
भार्गवास्त्र को समुद्र तल से 5000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों के अलावा अलग-अलग इलाकों में तैनाती के लिए डिजाइन किया गया है. यह ड्रोन सिस्टम भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा कर सकता है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जिस तरह से पाकिस्तान ने तुर्किए और चीन के ड्रोन का इस्तेमाल किया, उससे साफ हो गया है कि आने वाले समय में भारत को नए ड्रोन तकनीक को विफल करने की जरूरत पड़ेगी.