Bhopal CEO And Manager Embezzled Collaboration With Kuwait And Dubai Companies MP Police Registered Case Ann
Bhopal Fraud Case: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के अरेरा कॉलोनी स्थित जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट कंपनी के सीईओ और जनपद मैनेजर के द्वारा कंपनी के साथ 15 करोड़ रुपए के कथित धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. सीईओ और जनरल मैनेजर ने दुबई और कुवैत की दो कंपनियों के मालिकों के साथ मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया है. जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट कंपनी के मालिक की शिकायत पर दोनों के खिलाफ भोपाल के हबीबगंज थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है.
भोपाल के अरोरा कालोनी स्थित जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट कंपनी के सीईओ और जनरल मैनेजर ने परिचित कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के लिए, एक के साथ एक प्रोडक्ट फ्री देने की स्कीम देकर करोड़ों रुपए का घोटाला किया है. इसके एवज में उन्हें कमीशन भी मिलता था. शक होने पर जब कंपनी का रिकार्ड ऑडिट किया गया तो धोखाधड़ी और गबन का खुलासा हुआ. दोनों आरोपियों के विरुद्ध भोपाल के हबीबगंज थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है.
बगैर अधिकृत मेल के आर्डर
थाना प्रभारी मनीष राजसिंह भदौरिया ने बताया कि फरियादी दुर्गेश निवासी बिहार कॉलोनी जेके रोड, प्रदीप कुमार राठौर मदनलाल (47) ई-4/108 अरेरा कॉलोनी, वंदे मातरम चौराहा स्थित जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट कंपनी में फायनेंस मैनेजर है. कंपनी के डॉयरेक्टर शाहपुरा निवासी किशन मोदी है. पीड़ित ने पुलिस के दिये गये शिकायत में बताया कि, ‘कंपनी अपने किसी भी कस्टमर को अधिकृत ई-मेल पर आर्डर मिलने के बाद ही नियमानुसार प्रोडक्ट्स की सप्लाई करती है, लेकिन जून 2020 से उनकी कंपनी के सीईओ सुनील त्रिपाठी और जनरल मैनेजर वामिक सिद्दीकी ने इंदौर के हितेश पंजाबी और इलाहबाद के रहने वाले बलजीत शर्मा को अवैध तरीके से लाभ पहुंचाया.’
‘कंपनी की रकम को आरोप नीजि खाते में मंगाते थे’
पुलिस को दिये गये तहरीर में बताया गया कि, दोनों ने दुबई और कुवैत में स्थित हितेश और बलजीत की कंपनियों को जयश्री गायत्री फूड डेयरी प्रोडक्ट कंपनी से मई 2023 तक अलग-अलग समय में 15 करोड़ के प्रोडक्ट सप्लाई किये. दोनों आरोपियों ने कंपनी के अधिकृत ई-मेल पर बिना आर्डर मिले उन्हें माल सप्लाई किया. मॉल सप्लाई कंपनी मालिक की परमिशन के बगैर हर प्रोडक्ट पर ऑफर देकर पहुंचाया गया है.
टीआई भदौरिया ने बताया कि ऑफर के नाम पर माल कम कीमत में देने के एवज में कंपनी के सीईओ और रीजनल मैनेजर दोनों को 20 प्रतिशत का कमिशन अलग से मिलता था. आरोपियों ने कई बार कंपनी की रकम को अपने पर्सनल खाते में भी मंगाया. इस बात के प्रमाण अब तक जांच में मिले हैं. आगे की जांच जारी है.
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