bihar jawan Manish Kumar martyred during Operation Rakshak in Kargil Last rites in Nawada
Jawan Manish Kumar: नवादा के कारगिल में शहीद हुए मनीष कुमार का उनके पैतृक गांव कौवाकोल प्रखंड के पांडेगंगोट गांव शनिवार को पहुंचा. सेना की टुकड़ी ने सलामी देकर शहीद को अंतिम विदाई दी. शहीद के छोटा भाई सनी कुमार ने उन्हें मुखाग्नि दी. बड़ी संख्या में लोगों ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की. 6 मार्च 2025 को ही उनका विवाह हुआ था. पांडेगंगोट गांव के अशोक राम के पुत्र मनीष कुमार 2018 में सेना में बहाल हुए थे और जम्मू कश्मीर के कारगिल में रक्षक ऑपरेशन में तैनात थे.
40 किलोमीटर तक हुई शव यात्रा
शनिवार को उनका पार्थिव शरीर जैसे ही पुलिस लाइन नवादा से निकला तो बड़ी संख्या में युवा बाइक और गाड़ियों के साथ पहुंचे, जहां से उनके शव की यात्रा करीब 40 किलोमीटर तक चलकर घर पहुंची. परिजनों व अन्य लोगों ने शहीद के अंतिम दर्शन किए. इस दौरान परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. बाद में गांव के ही श्मशान घाट के समीप उनके भाई ने मुखाग्नि दी. वहीं सेना की टुकड़ी ने फायर दागकर अंतिम सलामी दी.
शहीद की पत्नी खुशबू कुमारी ने कहा कि पति की शहादत पर गर्व है. उन्होंने रोते रोते कहा कि उनके सहारा चला गया. मैं भी नौकरी करना चाहती हूं और देश का सेवा करना चाहती हूं. वहीं, माता ने कहा कि बेटे ने दूध की लाज रखी है. श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे तमाम संगठन के लोग भी उपस्थित हुए. गांव के स्थानीय मुखिया दीपक कुमार के जरिए पूरी सड़क पर फूल बिछाया गया. उन्होंने कहा कि शहीदों की बदौलत हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं. शहीद मनीष की शहादत पर गम के साथ गर्व भी है.
ऑपरेशन रक्षक के दौरान हुए शहीद
जम्मू-कश्मीर के कारगिल में तैनात बिहार के नवादा जिले के सैनिक मनीष कुमार ऑपरेशन रक्षक के दौरान शहीद हो गए. आर्मी मेडिकल कोर में तैनात मनीष की ड्यूटी एमएच कारगिल में थी. 14 मई को सुबह 7:15 बजे उन्हें बेहोशी की हालत में अस्पताल के आकस्मिक वार्ड में लाया गया. चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. 27 वर्षीय मनीष पूरी तरह स्वस्थ थे और ड्यूटी के लिए फिट थे.
नवादा के डीएम रवि प्रकाश ने बताया कि शहीद मनीष के परिवार में उनकी मां सुशीला देवी हैं. वे कौवाकोल प्रखंड के पांडेगंगोट गांव की रहने वाली हैं. मनीष की शादी केवल दो महीने पहले हुई थी. मनीष के परिवार में चार भाई हैं. इनमें से तीन भारतीय सेना में कार्यरत हैं. शहादत की खबर उनकी मां के मोबाइल पर आई. खबर मिलते ही गांव और प्रखण्ड में शोक की लहर फैल गई. मनीष के माता-पिता और नवविवाहिता पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है.
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