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Bihar Politics: 5 महीने, 4 दौरे, राहुल गांधी बार-बार क्यों आ रहे बिहार? समझिए कांग्रेस का प्लान


Bihar Assembly Elections 2025: बिहार में इसी साल सितंबर-अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने वाला है. भाजपा, जदयू, कांग्रेस, राजद सहित अन्य सभी राजनीतिक दल इस चुनाव की तैयारी में जुट चुकी है. सालों तक बिहार की सत्ता संभालने वाली कांग्रेस बीते कुछ दशकों से बिहार की राजनीति में गुम सी हो गई है. लेकिन इस बार के चुनाव के लिए कांग्रेस पूरी मजबूती से तैयारी में जुटी है. बिहार में राहुल गांधी की बढ़ती सक्रियता इस बात की तस्दीक दे रही है. बीते 5 महीने में राहुल गांधी बिहार के 4 दौरे कर चुके हैं. गुरुवार को दरभंगा और पटना में राहुल गांधी का कार्यक्रम था. जहां राहुल का अलग ही अंदाज दिखा. 

राहुल गांधी के ताबड़तोड़ बिहार दौरे और उनका बदला-बदला अंदाज कांग्रेस के प्लान की ओर से इशारा करता है. समझिए बिहार चुनाव को लेकर कांग्रेस का क्या है प्लान?

पिछले 5 महीने में बिहार के 4 दौरे और लगभग सभी दौरे दलितों को लुभाने के लिए. राहुल गाँधी मिशन बिहार में एक खास मिशन पर हैं. मिशन दलित पर हैं और नजर है आने वाले बिहार विधान सभा चुनाव पर.

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दरभंगा की सड़कों पर पैदल चलते दिखे राहुल

गुरुवार को दरभंगा की सड़कों पर पैदल मार्च करते हुए राहुल गांधी नजर आए. ठिकाना था दरभंगा का अंबेडकर छात्रावास यानी दलितों का सरकारी छात्रावास. निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए राहुल गांधी वहां पहुंचे. फिर अंबेडकर छात्रावास और दलितों के लिए घोषणाओं की झड़ी लगा दी.

प्रशासन ने सभा स्थल में किया बदलाव, मगर नहीं माने राहुल
  
राहुल गांधी दिल्ली से सीधे दरभंगा पहुंचे थे. जहां तय कार्यक्रम के मुताबिक उन्हें अम्बेडकर छात्रावास में एक जनसभा को संबोधित करना था. लेकिन स्थानीय प्रशासन ने तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए उस स्थान की अनुमति नहीं दी और उनके सभा स्थल में बदलाव कर दिया गया. 

प्रशासन की मंजूरी के बिना पैदल ही अंबेडकर हॉस्टल पहुंचे राहुल 

इस आदेश को न मानते हुए राहुल गाँधी गाड़ी से उतर पैदल ही निकल पड़े और सभा स्थल की ओर वहाँ सभा को संबोधित भी किया. इस कारण राहुल गांधी के साथ-साथ कांग्रेस के कई नेताओं पर लहेरियासराय थाने में दो एफआईआर भी दर्ज की गई है. 

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जातीय जनगणना का श्रेय और दलित वोट बैंक पर नजर

इधर राहुल गांधी के हालिया बिहार दौरे और बिहार में उनके कार्यक्रमों पर नजर दें तो यह साफ पता चलता है कि वो लगातार दलितों को लुभाने की मुहिम में जुटे हैं. साथ ही इस बात का श्रेय लेने में भी की जातीय जनगणना उनके दबाव के कारण ही केंद्र सरकार को घोषित करना पड़ा.

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पटना में ज्योतिबा फूले पर बनी फिल्म देखी

दरभंगा का कार्यक्रम समाप्त होने के बाद राहुल गांधी सीधे पटना पहुँचे. जहां उन्होंने ज्योतिबा फूले के ऊपर बनी एक सिनेमा को अपने कार्यकर्ताओं के साथ देखा. हालांकि थिएटर के बाहर उत्साहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हंगामा खड़ा कर दिया क्योंकि उन्हें राहुल गांधी के साथ हॉल में नहीं जाने दिया गया.

राहुल के सभी बिहार दौरे दलितों से जुड़े

राहुल ने मिशन बिहार एवं मिशन दलित को काफी शिद्दत से लिया हुआ है और उनके बिहार के लगभग सभी दौरे दलितों के कार्यक्रम से जुड़े हैं. जाहिर है कांग्रेस आने वाले चुनाव में दलित वोट बैंक पर डोरे डालेगी और राहुल उसकी तैयारी पूरे जोर जोर से कर रहे हैं.

दलित समाज के राजेश राम को बनाया प्रदेश अध्यक्ष

इसका शुरुआत चुनाव की तैयारी को शुरू करते समय प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह को हटाकर राजेश राम को बनाने से की गई थी. राजेश राम दलित समाज से आते हैं. उन्हें पार्टी की कमान देकर कांग्रेस ने दलितों के हितैषी होने का इशारा किया. साथ ही रोजगार दो, पलायन रोको यात्रा के जरिए पूरे राज्य में पार्टी को फिर से जिंदा करने की कोशिश की.
 




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