Blocking seats in NEET PG will be costly Supreme Court has ordered to blacklist those who harm deserving students ann
मेडिकल के पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के दाखिले में अनियमितताओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त आदेश जारी किए हैं. कोर्ट ने NEET पीजी की काउंसलिंग प्रक्रिया में सुधार को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसमें सबसे अहम है सीट ब्लॉकिंग करने वाले छात्रों पर सख्ती. कोर्ट ने ऐसे छात्रों को भविष्य में NEET पीजी परीक्षा से ब्लैक लिस्ट करने की व्यवस्था बनाने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सीट ब्लॉक करने के बाद दाखिला न लेने वाले छात्र दूसरे योग्य छात्रों का नुकसान कर देते हैं. ऐसे छात्रों का सिक्युरिटी डिपॉजिट ज़ब्त करने और भविष्य में परीक्षा के अयोग्य करार देना ज़रूरी है. जस्टिस जे बी पारदीवाला और आर महादेवन की बेंच ने जिस मामले में यह फैसला दिया है उसे यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक फैसले के खिलाफ दाखिल किया था.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2017-18 में NEET पीजी में रेडियोलॉजी के कोर्स में दाखिले से वंचित रह गए कुछ छात्रों को 10-10 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया था. इन छात्रों ने बताया था कि पहले और दूसरे राउंड में जिन छात्रों को सीट आवंटित हो चुकी थी, उन्हें मॉप-अप राउंड में भी मौका दिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजे की रकम को घटा कर 1-1 लाख कर दिया है, लेकिन इसके साथ ही NEET पीजी परीक्षा और काउंसलिंग प्रक्रिया में सुधार को लेकर कई दिशा निर्देश जारी किए हैं.
कोर्ट के कुछ अहम दिशा निर्देश यह हैं:-
* एक राष्ट्रीय काउंसिलिंग कैलेंडर बने जिसमें ऑल इंडिया कोटा और स्टेट राउंड का पूरा ब्यौरा हो. इस तरीके से सीट ब्लॉकिंग पर नियंत्रण हो सकता है.
* काउंसलिंग से पहले ही ट्यूशन फीस, होस्टल फीस आदि की जानकारी देते हुए पूरा फीस स्ट्रक्चर बताया जाए.
* नेशनल मेडिकल कमीशन के तहत एक केंद्रीकृत फीस नियमन व्यवस्था बने.
* आधार नंबर से सीट ट्रैकिंग व्यवस्था बने, इस तरह बहुत सारी सीटों को ब्लॉक करने पर लगाम लगेगी.
* जो छात्र सीट ब्लॉकिंग करते हैं उन्हें भविष्य के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया जाए.
* सभी राज्यों में एक जैसी काउंसलिंग प्रक्रिया हो.
* काउंसलिंग प्रक्रिया का हर साल थर्ड पार्टी ऑडिट हो, इससे अनियमितताओं की पहचान हो सकेगी.
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