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Brahmos missile not only wreaked havoc on enemies during operation sindoor also contributed India economy defence exports and employment ann


Indian  Brahmos Missile: भारत की प्राइम स्ट्राइक मिसाइल ब्रह्मोस सिर्फ पाकिस्तान के आतंकी ठिकाने और एयरबेस ही तबाह नहीं करती है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी योगदान दे रही है. फिलीपींस के साथ ब्रह्मोस मिसाइल की 375 मिलियन डॉलर (3200 करोड़) की डील हुई है तो पिछले साल (2024) में रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के लिए 19,518 करोड़ की ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने का ऑर्डर दिया. मोदी सरकार के 11 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में रक्षा मंत्रालय ने ये आंकड़े सार्वजनिक किए हैं.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, ब्रह्मोस के उत्पादन से देश में 144 लाख मेन-डेज का श्रम आज संभव हो पा रहा है. यानी राष्ट्रीय सुरक्षा को को ब्रह्मोस से बढ़ावा मिल रहा है, रोजगार सृजन भी हो रहा है. ब्रह्मोस को खरीदने में आज इंडोनेशिया, वियतनाम, मलेशिया, सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों ने दिलचस्पी दिखाई है. ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस की सफलता से एक्सपोर्ट की संभावनाएं बढ़ गई है.

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ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस ने बरपाया कहर
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को तबाह (6-7 मई) से लेकर पाकिस्तानी वायुसेना के 11 एयरबेस बर्बाद करने के लिए ब्रह्मोस मिसाइल का ही इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया था. माना जा रहा है कि भारतीय वायुसेना के सुखोई लड़ाकू विमानों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान पर डेढ़ दर्जन ब्रह्मोस मिसाइल से आक्रमण किया था.रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पिछले साल (2024-25) में देश का डिफेंस एक्सपोर्ट 23,662 करोड़ था, जो 2014-15 (1941 करोड़) के मुकाबले 1100 प्रतिशत ज्यादा है.

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भारत का रक्षा निर्यात अब 100 से ज्यादा देशों में 
आंकड़ों की मानें तो पिछले साल देश में रक्षा उत्पादन (हथियार और दूसरे सैन्य साजो सामान के निर्माण) में 1.27 लाख करोड़ का था. वर्ष 2014 में देश का रक्षा उत्पादन 46,429 करोड़ था. यानी पिछले 11 वर्षों में रक्षा उत्पादन में 174 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 11 सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश का रक्षा क्षेत्र आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक रूप से आगे बढ़ा है. आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया जैसे अभियानों के तहत अब भारत रक्षा निर्यातक के रूप में वैश्विक स्तर पर उभरा है.

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अगले पांच सालों में 5000 साइबर कमांडो
पिछले 11 साल में देश में 22 लाख लाख से ज्यादा साइबर अटैक हुए हैं. ऐसे में रक्षा मंत्रालय ने 308 साइबर कमांडो तैयार किए हैं ताकि साइबर अटैक का प्रभावी जवाब दिया जा सके. अगले पांच सालों में देश में ऐसे 5000 साइबर कमांडो बनाने की तैयारी है. साथ ही 5.23 लाख अधिकारियों को साइबर-स्पेस में स्टे-सेफ की ट्रेनिंग दी है. 



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