Caste Census in bihar Minister Vijay Chaudhary on central government decision to conduct caste census ann
Caste Census News: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के जातीय जनगणना कराने के ऐलान पर बुधवार को जेडीयू मंत्री विजय चौधरी (Vijay Chaudhary) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि यह स्वागत योग्य कदम है. नीतीश कुमार पहले व्यक्ति हैं, जिन्होंने इस मांग को बिहार से उठाया था. इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस और ममता बनर्जी ने इसका विरोध किया था. इंडिया ब्लॉक में नीतीश कुमार ने इसे मुद्दा बनाने की बात कही थी.
राहुल तेजस्वी पर विजय चौधरी का निशाना
विजय चौधरी ने कहा कि कांग्रेस आज इसका श्रेय लेने की होड़ में लग गई है. राहुल गांधी की सोच का कुछ पता नहीं चलता है पहले विरोध करते हैं बाद में समर्थन करते हैं. तेजस्वी ने जातीय जनगणना का मुद्दा पहले नहीं उठाया था. यह मुद्दा एनडीए के साथ ही नीतीश कुमार ने पहले उठाया था. अब जबकि देश में जातीय जनगणना होने का ऐलान हुआ है उसका श्रेय नीतीश कुमार को जाता है.
उन्होंने कहा, “जेडीयू बिहार में जातीय जनगणना के लिए सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रही है. बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट अगर इस विषय पर आरक्षण के बड़े हुए दायरे के समर्थन में फैसला देती है तो उसे नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए फिर से प्रस्ताव भेजा जाएगा. बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाकर सबसे पहले इसे बिहार सरकार ने संविधान की नवीं सूची में शामिल करने के लिए प्रस्ताव केंद्र को भेजा था.”
2022 में बिहार सरकार ने कराया जातिगत सर्वेक्षण
दरअसल 2022 में बिहार सरकार ने दो चरणों में जातिगत सर्वेक्षण कराया और 2023 में उसका प्रकाशन भी किया. जाति आधारित सर्वेक्षण रिपोर्ट आने के बाद आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दी गई. आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों (उच्च जातियों) को दिए जाने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण को शामिल करते हुए बिहार में नौकरियों और दाखिलों में कोटा बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया. अब देखना यह है कि केंद्र सरकार के जरिए कराई जाने वाली जाति जनगणना और बिहार सरकार के जाति सर्वेक्षण में क्या अंतर सामने आता है.
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