Caste Census: जातीय जनगणना पर प्रकाश आंबेडकर का बड़ा बया, 'कश्मीर की हिंसक घटना से ध्यान…'
<p style="text-align: justify;">वंचित बहुजन आघाडी के अध्यक्ष और बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के पौत्र प्रकाश आंबेडकर ने केंद्र सरकार द्वारा घोषित जातीय जनगणना के फैसले को लेकर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि यह निर्णय जम्मू-कश्मीर की हालिया हिंसक घटना से ध्यान भटकाने के लिए लिया गया एक राजनीतिक दाव है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>केंद्र की घोषणा सिर्फ राजनीति- प्रकाश आंबेडकर</strong></p>
<p style="text-align: justify;">प्रकाश आंबेडकर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि केंद्र सरकार की घोषणा सिर्फ एक राजनीति है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि जनगणना कब और कैसे कराई जाएगी? इसके विपरीत, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में कहा है कि जातीय जनगणना कर पाना संभव नहीं है. ऐसे में सरकार की मंशा पर सवाल उठना लाज़मी है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>’सरकार को स्पष्ट जवाब देना चाहिए'</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इसके उन्होंने आगे कहा कि 2026 में होने वाले परिसीमन को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार जानबूझकर जनगणना की प्रक्रिया को टाल रही है. उन्होंने कहा, "अगर मूल जनगणना ही नहीं हो रही, तो जातीय आधार पर जनगणना कैसे संभव है? सरकार को इस पर स्पष्ट जवाब देना चाहिए."</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>लोगों से की ये अपील</strong></p>
<p style="text-align: justify;">प्रकाश आंबेडकर का कहना है कि केंद्र सरकार जातीय जनगणना का हौवा खड़ा करके देश की जनता को मूल मुद्दों से भटका रही है. खासकर जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुई आतंकी घटना, जिसने देशभर में रोष फैलाया है, उससे जनता का ध्यान हटाने के लिए यह मुद्दा उछाला गया है. उन्होंने जनता से अपील की कि ऐसी भ्रामक घोषणाओं के जाल में न फंसें और सरकार से जवाब मांगें कि आख़िर जनगणना कब और किस पद्धति से होगी.</p>
<p style="text-align: justify;">बता दें कि बुधवार (30 अप्रैल) को केंद्र की <a title="नरेंद्र मोदी" href="https://www.abplive.com/topic/narendra-modi" data-type="interlinkingkeywords">नरेंद्र मोदी</a> सरकार ने कैबिनेट की बैठक में जातीय जनगणना कराने का फैसला किया. बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से सरकार के फैसले की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने जातीय जनगणना का इस्तेमाल सिर्फ राजनीति हथकंडे के तौर पर किया.</p>
Source link