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CCPA meeting regarding caste census Modi government decided caste census conducted in original census itself


Caste Census: जाति जनगणना को लेकर बुधवार (4 जून, 2025) को आयोजित CCPA की बैठक में मोदी सरकार ने फैसला लिया है कि मूल जनगणना में ही जातिगत जनगणना कराई जाएगी. इस बार जनगणना के दौरान जाति से जुड़े सवाल भी पूछे जाएंगे. इससे पहले 2021 में जनगणना होनी थी, लेकिन कोरोना के कारण टालना पड़ा. 

जनगणना के लिए नियुक्त होते हैं सरकारी कर्मचारी 

देश में जनगणना के लिए सरकारी कर्मचारियों का नियुक्त किया जाता है, जिन्हें एन्यूमेरेटर कहा जाता है. जनगणना के लिए नियुक्त कर्मचारी तय किए गए इलाकों में जाते हैं और कई तरह की जानकारियां जुटाते हैं. सरकार इन्हें एक स्पेशल आईडी कार्ड देती है और किसी भी तरह का शक होने पर आप इनसे पहचान पत्र दिखाने को कह सकते हैं.

जनगणना की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, ये दो हिस्सों में कराई जाती है. पहली हाउसिंग और दूसरी हाउसिंग सेंसस. हाउसिंग में घर से जुड़े कई तरह के सवाल पूछे जाते हैं, जिसमें बिजली, पेयजल, शौचालय, संपत्ति और संपत्ति के कब्जे से जुड़े सवाल होते हैं.

प्रक्रिया के दौरान पूछे जाते हैं कुल 29 सवाल 

जनगणना का दूसरा फॉर्म नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर का होता है. इसमें घर के सदस्यों को लेकर सवाल पूछे जाते हैं. जैसे- नाम, लिंग, माता का नाम, पिता का नाम, जन्म की तारीख, वैवाहिक स्थिति, अस्थायी पता और परिवार के मुखिया को लेकर सवाल पूछे जाते हैं. जनसंख्या की प्रक्रिया के दौरान ऐसे ही कुल 29 सवाल पूछे जाते हैं.

कैसे तैयार होता है जनगणना का डेटा बेस?

दावों के मुताबिक भारत सरकार जनगणना से जुड़ी जो भी जानकारी जुटाती है, उसे निजी एजेंसी के साथ शेयर नहीं किया जाता है. जनगणना करने वाले कर्मचारी जो डेटा इकट्ठा करते हैं, उसे फिल्टर किया जाता है. कैटेगरी में बांटने के बाद इसे नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर में अंतिम रूप दिया जाता है. इस तरह जनगणना का डेटा बेस तैयार होता है जिसे सरकार इस्तेमाल करती है.

भारत में जनगणना कराने के लिए प्रावधान है, जिसे जनगणना अधिनियम 1948 के नाम से जाना जाता है. ये प्रावधान केंद्र सरकार को जनगणना कराने और इसके लिए नियम बनाने का अधिकार देता है. इसके साथ ही जनगणना का विस्तृत आंकड़ा गोपनीय रखा जाता है.

कबसे शुरू हुई जनगणना? 

देश में पहली जनगणना 1872 में तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड मेयो के शासनकाल में हुई, जबकि संपूर्ण जनगणना 1881 में हुई. इसके बाद हर 10 साल में जनगणना कराने का चलन शुरू हुआ. आजादी से पहले साल 1881, 1891, 1901, 1911, 1921, 1931 और 1941 में जनगणना कराई गई. आजादी मिलने के बाद 1951 में पहली बार जनगणना हुई थी. फिर 1961, 1971, 1991, 2001 और 2011 जनगणना कराई गई.

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