Fashion

CM Mohan Yadav will release 2 leopards in Gandhi Sagar Sanctuary Kuno National Park Bhopal ann


Gandhi Sagar Sanctuary News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार (19 अप्रैल) को गांधी सागर अभयारण्य में दो चीतों को छोड़कर “चीता प्रोजेक्ट” के तहत मध्यप्रदेश की वन्यजीव संरक्षण योजनाओं को एक नया आयाम देंगे. इससे गांधी सागर प्रदेश का दूसरा ऐसा स्थान बन जाएगा, जहां चीतों को फिर से बसाया जाएगा. इससे पहले श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में यह प्रयास सफलतापूर्वक जारी है.

चीतों की बढ़ती संख्या के तहत अफ्रीकी देशों से चीते लाकर उन्हें मध्य प्रदेश के जंगलों में बसाया जा रहा है. वर्तमान में कूनो पार्क में 26 चीते हैं और मई 2025 तक बोत्सवाना से 8 और चीतों को लाने की योजना है. राजस्थान और मध्य प्रदेश की साझेदारी से प्रस्तावित अंतर्राज्यीय चीता संरक्षण परिसर इस दिशा में एक बड़ी उपलब्धि साबित होगा.

क्यों खास है गांधी सागर अभयारण्य?
गांधी सागर अभयारण्य, जिसे 1984 में अधिसूचित किया गया था, जैव विविधता और पुरातात्विक दृष्टिकोण से भी समृद्ध है. यह क्षेत्र चतुर्भुजनाथ मंदिर, वन शैलचित्र स्थलों, और विभिन्न दुर्लभ प्रजातियों का घर है. यहां सलाई, तेंदू, और पलाश जैसे वृक्षों के साथ-साथ तेंदुआ, ऊदबिलाव और चिंकारा जैसे वन्यजीव भी पाए जाते हैं.

अब तक 112 करोड़ हो चुके हैं खर्च
चीतों के पुनर्वास पर अब तक 112 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं, जिनमें से 67 प्रतिशत राशि अकेले मध्यप्रदेश में खर्च हुई है. यह परियोजना न केवल वन्यजीव प्रेमियों बल्कि देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगी.

प्रोजेक्ट चीता को आगे बढ़ाने के प्रयास
बता दें कि मध्य प्रदेश को 17 सितंबर 2022 को चीता प्रोजेक्ट की सौगात मिली थी और नामीबिया से यहां आठ चीते लाए गए थे, जिनमें पांच मादा और तीन नर शामिल थे. उसके बाद 13 चीते फरवरी 2023 में साउथ अफ्रीका से लाए गए. अब राज्य के दूसरे हिस्से गांधी सागर में प्रोजेक्ट चीता को आगे बढ़ाने की कोशिश जारी है.

ये भी पढ़ें

MP: सागर में बारात आने से पहले प्रेमी के साथ भागी लड़की, गांव वालों ने काटा बवाल, घरों में लगाई आग



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *