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congress fierce over enforcement directorate actions on national herald case as a political rivalry ann | National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस बोली


Congress On ED Action Over National Herald Case : कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया और कहा, “मोदी सरकार विपक्षी नेताओं को डराने व जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ईडी का दुरुपयोग कर रही है. ईडी की इस गलत कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस ने बुधवार (16 अप्रैल) को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन भी आयोजित किए, जिनमें लाखों लोगों ने भाग लेकर अपना समर्थन दिया.”

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “नेशनल हेराल्ड अखबार पंडित नेहरू जी ने आजादी से पूर्व शुरू किया था, जो आजादी के बाद से आर्थिक तंगी से जूझ रहा था. कांग्रेस पार्टी ने इसे कर्ज देकर चलाया.” उन्होंने पूछा, “इसमें भ्रष्टाचार कहां है. अब मोदी सरकार का कहना है कि कर्ज लेकर इसे चलाना गलत है. सच्चाई ये है कि भाजपा सिर्फ विपक्ष को डराना चाहती है, वो कानून के खिलाफ जाकर काम कर रही है.”

नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर बोले जयराम रमेश

कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश और राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने ईडी की कार्रवाई को कानून का मजाक बताते हुए इसे पूरी तरह तथ्यहीन करार दिया. जयराम रमेश ने आरोप लगाते हुए कहा, “पिछले दो दिन से प्रतिशोध, उत्पीड़न और धमकी देने की राजनीति जारी है. कांग्रेस नेतृत्व खासतौर पर कांग्रेस संसदीय दल की चेयरपर्सन सोनिया गांधी और नेता विपक्ष राहुल गांधी को जानबूझकर निशाना बनाया गया. जनता के मुद्दों, विदेश नीति और आर्थिक संकट से ध्यान हटाने के लिए ये प्रयास किया जा रहा है.”

राज्यसभा सांसद ने नेशनल हेराल्ड मामले की पृष्ठभूमि बताई

राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “इस मामले में बिना किसी पैसे के लेनदेन के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया जा रहा है.” उन्होंने नेशनल हेराल्ड मामले की पृष्ठभूमि बताते हुए कहा, “नेशनल हेराल्ड अखबार को प्रकाशित करने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को कांग्रेस ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्थापित किया था. आर्थिक संकट के कारण अलग-अलग समय में कांग्रेस ने इस कंपनी को ऋण दिया. कई दशकों में यह राशि बढ़कर कुल 90 करोड़ रुपये हो गई. AJL के पुनर्गठन के लिए तय हुआ कि इसे ऋण-मुक्त बनाया जाए. इसके लिए यंग इंडिया नामक एक गैर-लाभकारी कंपनी बनाई गई और एजेएल के 90 करोड़ रुपये के ऋण को यंग इंडिया को स्थानांतरित कर दिया गया. AJL और नेशनल हेराल्ड को मजबूत करने के लिए इस ऋण को हिस्सेदारी में बदला गया.”

सिंघवी ने आगे कहा, “इस कंपनी से गैर-लाभकारी कंपनी कितना भी लाभ कमाए, लेकिन एक भी पैसा लाभांश दिया नहीं जा सकता. ये सीधे तौर पर सेक्शन-8 के तहत प्रतिबंधित है. इसके तहत कोई वेतन, कोई अन्य सुविधाएं भी नहीं दी जा सकतीं.” उन्होंने कहा कि यंग इंडिया कंपनी ने न ही कोई संपत्ति खरीदी और न ही बेची. AJL की सारी संपत्तियों का मालिकाना हक अब भी उसके पास ही है; अंतर केवल इतना है कि अब AJL की 90-99 प्रतिशत शेयर होल्डिंग यंग इंडिया के पास है. यंग इंडिया में कुछ निदेशक हैं, जिन्हें कोई लाभांश भी नहीं मिलता. उन्होंने पूछा कि जब कोई पैसा या संपत्ति स्थानांतरित नहीं हुई है तो मनी लॉन्ड्रिंग कैसे हुई.

सिंघवी ने ईडी को लेकर लगाए आरोप

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने ईडी को अपना इलेक्शन डिपार्टमेंट बना रखा है और राजनीतिक प्रतिशोध के लिए उसका बार-बार दुरुपयोग किया जा रहा है. ईडी के मामलों में सजा की दर एक प्रतिशत है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने जो मामले दर्ज किए हैं, उनमें से 98 प्रतिशत सत्तारूढ़ दल के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ हैं.



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