Congress Jai Hind Sabha Bhupesh Baghel questions Pahalgam terror attack Operation Sindoor Ceasefire | कांग्रेस ने फिर उठाया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का मुद्दा, भूपेश बघेल का सवाल
Bhupesh Baghel on Operation Sindoor: कांग्रेस की ‘जय हिंद सभा’ में शनिवार (31 मई) को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला. बघेल ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले की सुरक्षा चूक और 7 मई से शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम के पीछे की मंशा पर सवाल उठाए.
उन्होंने कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि जब पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, तो वहां सुरक्षा व्यवस्था क्यों नाकाम रही, और 4 दिन चले संघर्ष के बाद अचानक युद्ध विराम का फैसला किसके दबाव में लिया गया.
युद्धविराम अमेरिका के दबाव में हुआ है?- बघेल
बघेल ने यह भी आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिकरण कर रही है. पीटीआई के अनुसार, उन्होंने कहा, “देश की सशस्त्र सेनाएं किसी पार्टी की नहीं होतीं. BJP को यह बताना चाहिए कि क्या युद्धविराम अमेरिका के दबाव में हुआ और यह फैसला अधिकारियों ने लिया या सरकार ने?”
इस सवाल का संदर्भ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष खत्म कराने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. हालांकि भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि अमेरिका की इस प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं थी.
भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता अब सिंदूर बांटेंगे- भूपेश बघेल
इस सभा में बघेल ने BJP पर तंज कसते हुए कहा कि “भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता अब सिंदूर बांटेंगे.” उन्होंने कहा कि सिंदूर एक महिला अपने पति की सलामती के प्रतीक रूप में लगाती है, और BJP इसे एक सैन्य कार्रवाई से जोड़कर उसका राजनीतिक लाभ लेना चाहती है. इस पर BJP ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पार्टी सिंदूर बांटने जैसी कोई योजना नहीं बना रही है. इसके साथ ही बघेल ने यह दोहराया कि सेना देश के सभी नागरिकों की है, न कि किसी पार्टी या सरकार की, और हमें उनके पराक्रम पर गर्व है.
कार्यक्रम में वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी BJP को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा, “जो लोग अंग्रेजों के गुलाम रहे, आज वे सेना के नाम पर राजनीति कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि सेनाएं मोदी जी के चरणों में सिर झुका रही हैं.” इस दौरान सिंह मंच पर बैठने की बजाय आम जनता के साथ सभा में नीचे बैठे दिखे. उन्होंने कुछ दिन पहले ही ऐलान किया था कि वे अब किसी मंच पर नहीं बैठेंगे, और उन्होंने उस वादे को निभाते हुए जमीन पर जनता के साथ जगह ली.