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Congress leader Salman Khurshid wrote an emotional post on social media during campaign to spread India message against terrorism


Salman Khurshid Statement: वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने उस समय देश और राजनीति की आत्मा को झकझोर दिया जब उन्होंने क्वालालमपुर से सोशल मीडिया पर लिखा कि क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल हो गया है? यह सवाल उन्होंने उस वक्त उठाया जब वे आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष रखने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में विदेश में भारतीय नजरिए को स्पष्ट कर रहे थे.

खुर्शीद की यह टिप्पणी दर्शाती है कि जब कोई राजनेता राष्ट्रीय स्तर पर एकजुटता दिखाता है और सत्ताधारी दल के साथ खड़ा होता है, तो वह अपने ही दल की आलोचना का शिकार बन जाता है.

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का मकसद 

भारत सरकार ने हालिया पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेरने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा, जिसका उद्देश्य था भारत की सुरक्षा नीतियों को स्पष्ट करना. पाकिस्तान की आतंकवाद पोषक भूमिका को उजागर करना. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत के दृष्टिकोण से अवगत कराना. इस प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी, कांग्रेस समेत कई दलों के नेता शामिल थे. लेकिन जहां उद्देश्य राष्ट्रीय था, वहीं कांग्रेस के कुछ हलकों में इसे व्यक्तिगत निष्ठा से जोड़कर निंदात्मक टिप्पणी की जा रही है.

सलमान खुर्शीद बोले- मैं भारत के लिए बोलने आया हूं 

सलमान खुर्शीद ने अपनी पोस्ट में लिखा कि मैं यहां भारत सरकार का विरोध करने नहीं, बल्कि भारत के लिए बोलने आया हूं. अगर मुझे विरोध करना होता तो मैं घर पर बैठता. उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनना पार्टी समर्थन नहीं, राष्ट्र समर्थन का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि जब बीजेपी चाहती तो अकेले भी जा सकती थी, लेकिन उन्होंने सभी दलों को शामिल कर यह दिखाया कि भारत आतंकवाद पर एकमत है.

शशि थरूर से सलमान खुर्शीद तक 

यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस के किसी नेता को इस तरह की आलोचना झेलनी पड़ी हो. शशि थरूर, जो अक्सर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की छवि को सकारात्मक रूप से प्रस्तुत करते हैं, उन्हें भी “मोदी समर्थक” कहकर निशाने पर लिया गया. यह राजनीतिक असहिष्णुता दर्शाता है, जहां पार्टी लाइन से बाहर जाकर राष्ट्रहित की बात करने पर संदेह किया जाता है.





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