Congress Supriya Shrinet raised questions on Modi government over beating of Indian origin student in us by police at Newark Airport ann
कांग्रेस ने अमेरिका में भारतीय नागरिकों के साथ किए जा रहे बर्बर और अपमानजनक व्यवहार की कड़ी निंदा करते हुए मोदी सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने अमेरिका में भारतीय मूल के एक छात्र का वीडियो दिखाया, जिसे नेवार्क एयरपोर्ट पर वहां की पुलिस जमीन पर पटक रही थी, जूते तले रौंद रही थी और हथकड़ी पहना रही थी.
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि भारत के एक नागरिक के साथ बर्बरता देखकर मन बहुत व्यथित होता है. उन्होंने बताया कि छात्र गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन अमेरिकी पुलिस ने एक न सुनी और उसे हथकड़ी बांधकर डिपोर्ट कर दिया. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह कोई आतंकवादी या गुंडा नहीं था, बल्कि अपनी आंखों में सपने लेकर अमेरिका पहुंचा एक छात्र था.
‘अमेरिका ने 682 भारतीयों को बर्बर तरीके से भारत भेजा’
कांग्रेस नेता ने अमेरिका के रवैये पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह पहली घटना नहीं है, लगातार भारतीयों को बंधक बनाकर बर्बर तरीके से वापस भेजा जा रहा है. भारतीय मूल के छात्रों को वीजा मिलने में लगातार दिक्कतें आ रही हैं, बैकलॉग बढ़ता जा रहा है और उनके दाखिले भी खारिज हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि अमेरिका ने 682 भारतीयों को बर्बर तरीके से भारत भेजा है.
उन्होंने पूछा कि जानवरों की तरह बर्ताव करने का यह कौन सा तरीका है और किसने इसकी इजाजत दी है. यह प्रधानमंत्री मोदी की जिम्मेदारी है कि अगर दुनिया में कहीं भी भारत या भारतीयों का अपमान हो तो उसके खिलाफ खड़े होकर मुस्तैदी से बोलें.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों को लेकर श्रीनेत ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति बार-बार भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का श्रेय लेते हैं, पाकिस्तान और भारत को एक साथ खड़ा करते हैं, यहां तक कि आतंकी देश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को कद्दावर नेता बताते हैं, लेकिन मोदी कुछ नहीं बोलते.
‘अमेरिका के धौंस वाले रवैये पर मोदी सरकार चुप क्यों?’
कांग्रेस नेता ने अमेरिका के भारत के दुश्मन देशों को हथियार, ड्रोन सप्लाई करने रूस से हथियार न खरीदने की धमकी दिए जाने पर मोदी सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अमेरिका का यह रवैया धौंस देने वाला है और इस पर मोदी सरकार चुप है.
श्रीनेत ने सवाल पूछते हुए कहा कि आखिर प्रधानमंत्री की क्या यह ज़िम्मेदारी नहीं है कि अगर हिंदुस्तान या हिंदुस्तानियों का कहीं असम्मान हो तो वह इसके ख़िलाफ़ मज़बूती से प्रतिकार करें? अन्यथा किस बात के प्रधानमंत्री हैं?
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