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CRPF jawan Dismissed for marrying Pakistani woman without Approval and Keeping her without Visa


CRPF Jawan married Pakistani Woman News: एक तरफ जहां पूरे भारत में पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है, वहीं एक हैरान करने वाला मामला भी सामने आया है. पाकिस्तानी महिला मीनल खान से ऑनलाइन निकाह करने वाले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान मुनीर अहमद को बल से बर्खास्त कर दिया गया है.

आरोप है कि मुनीर ने निकाह की जानकारी छिपाई और महिला की वीजा अवधि खत्म होने के बावजूद उसे अपने घर में छिपाकर रखा. CRPF ने इसे ‘गंभीर कदाचार’ बताते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा करार दिया.

क्या है मामला?
जम्मू के घरोटा निवासी मुनीर अप्रैल 2017 में CRPF में भर्ती हुआ था. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार उसने बताया कि उसने 24 मई 2023 को वीडियो कॉल पर पाकिस्तान की मीनल खान से निकाह किया और यह विवाह CRPF मुख्यालय से मिली अनुमति के बाद ही हुआ था. उसका दावा है कि उसने 31 दिसंबर 2022 को एक पाकिस्तानी महिला से शादी करने की अनुमति मांगी थी और सभी आवश्यक दस्तावेज जैसे पासपोर्ट, विवाह प्रमाणपत्र और हलफनामे जमा किए थे. अंततः 30 अप्रैल 2023 को उसे मुख्यालय से अनुमति मिल गई थी.

बर्खास्तगी को लेकर मुनीर ने कहा, “मुझे शुरुआत में मीडिया से इस कार्रवाई की जानकारी मिली, फिर CRPF का पत्र मिला. यह मेरे और मेरे परिवार के लिए बड़ा झटका है. मैंने नियमों का पालन किया और अब अदालत से इंसाफ की उम्मीद है.” वहीं मीनल खान इस साल 28 फरवरी को वाघा-अटारी सीमा से भारत आई थीं. उनका वीजा 22 मार्च को समाप्त हो गया था, लेकिन वे मुनीर के जम्मू स्थित घर में ही रहीं. हालांकि, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट ने मीनल को पाकिस्तान वापस भेजने पर फिलहाल रोक लगा दी है.

सुरक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाली हरकत- CRPF
सीआरपीएफ ने आरोप लगाया कि वीजा अवधि खत्म होने के बाद मीनल को शरण देना नियमों का उल्लंघन है. साथ ही, जवान का कृत्य सुरक्षा व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाला है. मुनीर का यह भी कहना है कि जब मीनल पहली बार भारत आईं, उसी समय उन्होंने दीर्घकालिक वीजा के लिए आवेदन कर दिया था.

मुनीर ने बताया कि शादी के बाद उसने संबंधित दस्तावेज और फोटो अपनी तैनाती वाली 72वीं बटालियन को सौंप दिए थे. बाद में उसे 25 मार्च को सुंदरबनी रिपोर्ट करने को कहा गया, लेकिन 27 मार्च को अचानक उसका तबादला कर दिया गया और बिना अनिवार्य अवधि के 29 मार्च को भोपाल की 41वीं बटालियन में कार्यभार ग्रहण करना पड़ा. मुनीर ने स्पष्ट किया कि वह अपनी बर्खास्तगी को अदालत में चुनौती देगा और न्याय के लिए कानूनी लड़ाई जारी रखेगा.



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