CRPF jawan Munir Ahmed dismissal for marrying a Pakistani woman now people compare with Seema haider
Munir Ahmed CRPF Person Marriage: CRPF की 41वीं बटालियन के जवान मुनीर अहमद को मीनल खान नाम की पाकिस्तानी महिला से शादी छिपाने और वीज़ा खत्म होने के बावजूद उन्हें भारत में रहने देने के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. यह कदम सुरक्षा कारणों से लिया गया बताया जा रहा है, लेकिन इस पर देशभर में तीखी बहस छिड़ गई है.
इस मामले में सोशल मीडिया दो हिस्सों में बंटा हुआ नजर आया. एक पक्ष का कहना है कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और नियमों का उल्लंघन करने पर कठोर कार्रवाई होनी ही चाहिए. वहीं दूसरा पक्ष इसे व्यक्तिगत अधिकारों और धार्मिक पहचान से जुड़ा मुद्दा मान रहा है. एक रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी ने भी अपनी राय रखते हुए कहा कि शादी एक निजी मामला है. केवल विभाग को सूचना देना पर्याप्त होता है. बिना एडवर्स कारणों के सेवा से हटाना उचित नहीं लगता.
सीमा हैदर से तुलना कर रहे लोग
सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने सीमा हैदर का उदाहरण देते हुए सवाल उठाए. सीमा हैदर एक पाकिस्तानी महिला है, जो अवैध रूप से भारत में दाखिल हुईं और अब नोएडा में अपने बच्चों के साथ रह रही हैं. एक यूजर ने लिखा एक पाकिस्तानी महिला अपने बच्चों के साथ भारत में रह सकती है, लेकिन एक जवान को शादी के कारण बर्खास्त कर दिया गया. यह कैसा न्याय है?” इस तुलना में लोगों का मुख्य तर्क यह है कि सीमा हैदर पर अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई, जबकि एक सरकारी जवान को नौकरी से हाथ धोना पड़ा.
मुनीर अहमद का पक्ष
मुनीर अहमद ने अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्होंने शादी से पहले विभाग को जानकारी दी थी. उन्होंने कहा कि मेरी शादी 24 मई 2024 को हुई थी. मैंने 31 दिसंबर 2022 को विभाग को पत्र भेजकर इसकी सूचना दी थी, जिसमें शादी की तारीख, स्थान और आमंत्रण पत्र जैसी जानकारी शामिल थी. उन्होंने यह भी बताया कि यह विवाह किसी विदेशी से अंधाधुंध शादी नहीं थी, बल्कि पारिवारिक रिश्तों के आधार पर तय हुआ था. मेरी पत्नी मेरे मामू की बेटी हैं, जो विभाजन के बाद पाकिस्तान चली गई थीं.
CRPF का कदम कितना उचित?
CRPF का दावा है कि जवान ने संवेदनशील जानकारी के चलते विवाह की अनुमति नहीं ली. शादी में सूचना की प्रक्रियात्मक चूक राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकती थी. वीजा समाप्त होने के बावजूद महिला को भारत में रहने देना अवैध था.