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Delhi Development Authority signed mou with Andaman and Nicobar islands ANN


Delhi News: दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने आज पहली बार सीमाओं से बाहर कदम बढ़ाते हुए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह प्रशासन के साथ महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया है. समझौता यमुना रिवरफ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के एक प्रमुख स्थल असिता में हुआ. इस मौके पर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल एडमिरल डीके जोशी भी मौजूद रहे. समझौते से दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के लिए विकास, समन्वय और आपसी सहयोग का एक नया अध्याय शुरू होने की उम्मीद है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सहयोगी, प्रतिस्पर्धी और पूरक संघवाद” के विजन को आगे बढ़ाते हुए पहल विकास को गति देगी. शहरी योजना, बुनियादी ढांचे के विकास, पर्यावरण प्रबंधन और सतत (सस्टेनेबल) पर्यटन के क्षेत्रों में दोनों केंद्र शासित प्रदेश विशेषज्ञता का आदान-प्रदान करेंगे. पहल से दोनों क्षेत्रों को बेहतर और तेज विकास करने में मदद मिलेगी. डीडीए की विशेषज्ञता शहरी नियोजन और सतत विकास में काफी गहरी है. साझेदारी से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पर्यटन ढांचे, बुनियादी सुविधाओं और पर्यावरण संरक्षण को और मजबूती मिलेगी. 

DDA ने पहली बार सीमा से बाहर बढ़ाया कदम, अंडमान-निकोबार प्रशासन के साथ समझौता, क्या होगा फायदा?

देशभर में उदाहरण बनेगा समझौता

उपराज्यपाल ने समझौते को “नवाचार और सतत शहरी समाधान” की दिशा में एक बड़ा कदम बताया. उन्होंने कहा कि दोनों क्षेत्रों को बेहतर बुनियादी ढांचे, हरित विकास और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलेगी. डीडीए ने पिछले कई दशकों से दिल्ली को एक आधुनिक, सुव्यवस्थित और टिकाऊ (सस्टेनेबल) शहर बनाने में अहम भूमिका निभाई है. अनुभव को अब अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के विकास में इस्तेमाल किया जाएगा. 

पर्यटन और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारत का सबसे खूबसूरत और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र है. साझेदारी से केंद्र शासित प्रदेश के पर्यटन, परिवहन, पर्यावरण और शहरी विकास को एक नई दिशा मिलेगी. स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा और रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे. 

DDA ने पहली बार सीमा से बाहर बढ़ाया कदम, अंडमान-निकोबार प्रशासन के साथ समझौता, क्या होगा फायदा?

‘एक साथ बढ़ेंगे- एक साथ बदलेंगे’

विशेषज्ञों का मानना है कि डीडीए की शहरी विकास योजना और पर्यावरण अनुकूल बुनियादी ढांचे के अनुभव से अंडमान और निकोबार को अत्यधिक लाभ मिलेगा. साझेदारी से भविष्य में अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए भी एक नया मॉडल तैयार होगा. डीडीए और अंडमान प्रशासन मिलकर विकास की दिशा में काम करेंगे. पहल भविष्य के भारत को सहयोग और साझेदारी से विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी. 

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