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Delhi High Court on Arvind Kejriwal : दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में जबरदस्त बहस देखने को मिली. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ट्रायल कोर्ट की ओर से दी गई जमानत को कानून के खिलाफ बताते हुए चुनौती दी, जबकि केजरीवाल की ओर से कहा गया कि यह पूरी तरह वैध और सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत के अनुरूप है. मामले को अब 30 जुलाई तक टाल दिया गया है, लेकिन बहस से यह साफ है कि यह कानूनी लड़ाई अब और लंबी चलने वाली है.
ED ने ट्रायल कोर्ट के आदेश का कहा ‘गलत’, मिसाल नहीं बननी चाहिए
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने हाईकोर्ट से कहा कि हम जमानत रद्द करने की सीधी मांग नहीं कर रहे, लेकिन ट्रायल कोर्ट ने जो आदेश दिया है, वह पूरी तरह कानून के विरुद्ध है. इसे उदाहरण (Precedent) नहीं बनने देना चाहिए. उन्होंने यह भी दावा किया कि जमानत का यह आदेश न सिर्फ तकनीकी रूप से त्रुटिपूर्ण है, बल्कि इससे जांच भी प्रभावित हो सकती है.
केजरीवाल के वकील ने किया पलटवार, अदालत का समय बर्बाद हो रहा
पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से वरिष्ठ वकील विक्रम चौधरी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह एक असाधारण याचिका है. जब सुप्रीम कोर्ट ने सभी सह-आरोपियों को नियमित जमानत दे दी है, तब इस याचिका का कोई मतलब नहीं बचता. यह सिर्फ राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित है और अदालत का समय नष्ट किया जा रहा है.”
सुप्रीम कोर्ट का हवाला, लेकिन असमंजस कायम
ED के स्पेशल वकील जोहेब हुसैन ने कहा, “मामला सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच के पास लंबित है. हाई कोर्ट ने भी माना कि सुप्रीम कोर्ट की बड़ी पीठ अब तक गठित नहीं हुई है और अंतरिम जमानत के बीच किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी. अदालत ने यह संकेत भी दिया कि जब तक सुप्रीम कोर्ट कोई स्पष्ट निर्देश नहीं देता, तब तक हाईकोर्ट कोई अंतिम फैसला नहीं देगा.”
राजनीति भी गर्माई, चुनाव से पहले तारीखें, अब सुनवाई की जल्दबाजी
केजरीवाल के वकील ने दलील देते हुए कहा कि जब चुनाव नजदीक थे, तब ये तारीखें मांगते रहे. अब चुनाव निपटते ही सुनवाई की जल्दी हो रही है. इससे ज्यादा स्पष्ट क्या हो गया कि मामला राजनीति से प्रेरित है.
अब 30 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी की याचिका को 30 जुलाई के लिए टाल दिया है. इसके अलावा, केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की ओर से अभियोजन स्वीकृति के बिना चार्जशीट पर संज्ञान लेने को चुनौती देने वाली याचिका अब 12 अगस्त को सुनी जाएगी.