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Delhi High Court orders join Sahyog portal intermediaries social media platforms ann


Delhi High Court News: डिजिटल अराजकता पर लगाम कसने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक आदेश जारी करते हुए सोशल मीडिया और इंटरनेट कंपनियों को दो टूक कहा है. कोर्ट ने कहा कि कानून के दायरे में रहो या कार्रवाई के लिए तैयार रहो. जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस अमित शर्मा की बेंच ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के ‘सहयोग’ पोर्टल को कानून प्रवर्तन का मजबूत डिजिटल हथियार बताते हुए सभी इंटरमीडियरीज (मध्यस्थ प्लेटफॉर्म) को तुरंत इससे जोड़ने का निर्देश दिया.

जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X ने पोर्टल से जोड़ने पर आपत्ति जताई और खुद को प्रक्रिया से अलग करने की कोशिश की, कोर्ट ने सख्ती से कहा सिर्फ याचिका दायर करने से आप कानून के दायरे से बाहर नहीं हो सकते. कर्नाटक हाईकोर्ट से कोई रोक नहीं है, हम 28 मई को आपकी बात सुनेंगे.

केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में दी अहम जानकारी
दिल्ली हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने मामले में हम जानकारी देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि अब तक 64 प्लेटफॉर्म ‘सहयोग’ पोर्टल से जुड़ चुके हैं..1100+ संस्थाएं, जिनमें फेसबुक, व्हाट्सएप, माइक्रोसॉफ्ट जैसे दिग्गज शामिल हैं, एपीआई इंटीग्रेशन के जरिए डेटा साझा कर रही हैं.. 33 वर्चुअल डिजिटल एसेट कंपनियां भी पोर्टल से जुड़ चुकी हैं…देशभर के राज्यों ने नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं.

क्या है ‘सहयोग’ पोर्टल ?
यह सरकार द्वारा विकसित एक डिजिटल मंच है, जो आईटी अधिनियम, 2000 के तहत अवैध सामग्री, साइबर अपराध और राष्ट्रविरोधी कंटेंट पर बिजली की रफ्तार से कार्रवाई सुनिश्चित करता है. इससे सरकार और कानून एजेंसियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से तत्काल सहयोग मिल सकेगा.

दिल्ली हाई कोर्ट ने की अहम टिप्पणी
हालांकि दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान हम टिप्पणी करते हुए कहा अब देरी, बहाने या लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है. कानून के तहत हर डिजिटल प्लेटफॉर्म को जवाबदेह बनना होगा. सहयोग न करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल न्यायपालिका का संदेश साफ है डिजिटल स्पेस में भी अब जवाबदेही तय होगी, और तकनीक के नाम पर कानून से बचने का रास्ता बंद.



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