Delhi High Court warns Rekha Gupta government over negligence in voter list ann
Delhi High Court News: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि लोकतंत्र के किसी भी स्तंभ में लापरवाही की कोई जगह नहीं है. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (DSGMC) चुनावों की तैयारी में ढीलाई बरतने पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को तलब किया और चुनावी प्रक्रिया में तेजी लाने के स्पष्ट निर्देश दिए.
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस मिनी पुष्कर्णा ने बेहद सख्त लहजे में टिप्पणी करते हुए कहा, “यह अदालत बार-बार निर्देश दे रही है, फिर भी मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. चुनावी पारदर्शिता के साथ ऐसा खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. 2022 में कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि सभी 46 वार्डों की नई फोटोयुक्त मतदाता सूचियाँ समय पर तैयार हों. लेकिन आज, दो साल बाद भी स्थिति जस की तस है. न तो प्रक्रिया शुरू हुई, न ही कोई ठोस समयसीमा तय की गई.”
12 महीने की मांग पर कोर्ट ने उठाए सवाल
गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय ने कोर्ट में दावा किया कि मतदाता सूची तैयार करने में 12 महीने लगेंगे. इस पर याचिकाकर्ताओं ने विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि 2022 के आदेश में यह साफ बताया गया था कि यह कार्य केवल पांच महीने में पूरा हो सकता है. कोर्ट ने इस देरी को प्रशासनिक उदासीनता करार दिया.
दिल्ली मुख्य सचिव को सौंपी जिम्मेदारी
दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वे 4 हफ्तों के भीतर संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करें, एक निश्चित टाइमलाइन तय करें और उसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि आवश्यक जनशक्ति तुरंत उपलब्ध कराई जाए ताकि प्रक्रिया में और देरी न हो.
20 मई को अगली सुनवाई
इस पूरे मामले की अगली सुनवाई अब 20 मई को होगी, लेकिन कोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि यदि तय समयसीमा का पालन नहीं हुआ, तो दिल्ली सरकार को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.