Delhi Police arrested two smugglers with 365 kg of ganja attack on drug mafia ann
Delhi Police Busted Weed Smugglers: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अंतरराज्यीय गांजा तस्करी रैकेट का पर्दाफाश किया है. ओडिशा से दिल्ली लाया जा रहा 365.030 किलोग्राम उच्च गुणवत्ता का गांजा एक ट्रक के भीतर बने गुप्त तहखाने से बरामद किया गया है. इस तस्करी में इस्तेमाल ट्रक को जब्त कर दो मुख्य तस्करों को गिरफ्तार किया गया है.
गिरफ्तार आरोपियों दीपक और सुनील उर्फ काला दोनों हरियाणा के सोनीपत जिले के निवासी हैं. उन्हें कोलकाता तक चिप्स की डिलीवरी के बहाने भेजा गया, लेकिन असली मिशन था ब्रह्मपुर, ओडिशा से गांजा लेकर दिल्ली पहुंचना. दोनों ने पूछताछ में बताया कि उन्हें यह ट्रक एक संदिग्ध कारोबारी संजीव राणा द्वारा दिया गया था, जो फिलहाल फरार है.
🚨 CRACKDOWN ON DRUG TRAFFICKING | NASHA MUKT BHARAT ABHIYAN 🚨
NR-I, CRIME BRANCH, DELHI STRIKES HARD: INTERSTATE DRUG PEDDLERS NABBEDIn a major success against the drug menace, the Crime Branch (NR-1) has busted an interstate network and arrested 2 key suppliers involved in… pic.twitter.com/9Ot1OwIm3M
— Crime Branch Delhi Police (@CrimeBranchDP) May 11, 2025
लोहे के बने सीक्रेट चैंबर में छिपाई गई थी गांजे की खेप
ट्रक की सामान्य तलाशी में कुछ नहीं मिला, लेकिन SI नरेंद्र सिंह की टीम को पहले से सूचना थी. केबिन के पीछे बने स्टील चैंबर को काटकर खोला गया, तो पुलिस टीम दंग रह गई गांजे की बोरी दर बोरी बाहर निकलने लगी. कुल वजन 365 किलो से ज्यादा निकला.
2 महीने की सटीक निगरानी बनी कामयाबी की चाभी
इस ऑपरेशन में क्राइम ब्रांच की टीम लगातार दो महीने से लगे हुए थी. टोल नाकों की CCTV फुटेज, संदिग्ध मोबाइल नंबरों की लोकेशन ट्रैकिंग और तकनीकी विश्लेषण के जरिए ट्रक की हर हरकत पर नजर रखी गई.
गिरफ्तार आरोपी कौन हैं ?
1. दीपक उर्फ दीपू – हरियाणा के सोनीपत जिले के नया बास गांव का रहने वाला. आठवीं पास है, पिछले 8-10 सालों से भारी वाहन चला रहा है. शादीशुदा है और उसका एक बेटा है. उसका परिचित बिंदर, जो संजीव राणा के लिए ड्राइवर था, ने उसे इस ट्रक पर ड्राइविंग की नौकरी दिलाई.
2. सुनील मलिक उर्फ काला – हरियाणा के ही पिनाना गांव का निवासी. 12वीं तक पढ़ा है, तीन छोटे भाई और दो बड़ी बहनें हैं. उसके रिश्तेदार संजीव राणा और उसके सहयोगी सुनील उर्फ गल्लू ने उसके नाम पर ट्रक रजिस्टर कराया. यह ट्रक ही गांजे की तस्करी के लिए इस्तेमाल हुआ.
दोनों आरोपियों ने कबूल किया कि वे सिर्फ ट्रांसपोर्टर थे, और असली मास्टरमाइंड संजीव राणा है, जो अभी फरार है.
नशे के ट्रक का सफर
नोएडा से कोलकाता तक चिप्स की लोडिंग के बहाने रवाना किया गया
ब्रह्मपुर, ओडिशा में रात के अंधेरे में गांजा ट्रक के तहखाने में लादा गया
जमशेदपुर से वैध पेपर रोल की लोडिंग की गई ताकि शक न हो
बिहार, वाराणसी, लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद होते हुए दिल्ली की ओर बढ़े
चंदौसी में पेपर रोल उतारा गया, ट्रक खाली होने के बाद भी गांजा तहखाने में छिपा रहा
रोहिणी, दिल्ली में अंतिम डिलीवरी से पहले पकड़े गए
दिल्ली पुलिस बोली यह सिर्फ शुरुआत है
दिल्ली पुलिस ने कहा यह बरामदगी केवल एक खेप नहीं, बल्कि पूरे नेटवर्क की जड़ पर प्रहार है. जांच जारी है और जल्द ही इस ड्रग सिंडिकेट का पूरा जाल उजागर होगा.
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