Sports

Delhi Police Bust Fake Degree Racket 2 Arrested – दिल्ली: फर्जी डिग्री, मार्कशीट और प्रमाण पत्र बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश, 2 गिरफ्तार



Delhi Police Bust Fake Degree Racket 2 Arrested – दिल्ली: फर्जी डिग्री, मार्कशीट और प्रमाण पत्र बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश, 2 गिरफ्तार

पुलिस ने मौके से फर्जी डिग्री, मार्कशीट, सर्टिफिकेट, लैपटॉप, प्रिंटर, मोबाइल, फर्जी स्टांप, होलोग्राम, फर्जी दस्तावेज तैयार करने के लिए खाली कागज बरामद किए गए हैं.

इस गिरोह ने कोविड महामारी के दौरान ये गोरखधंधा शुरू किया था. तब से 2000 से अधिक जाली डिग्री, मार्क-शीट और प्रमाण पत्र खुले बाजार में 20,000 से 2.20 लाख के दाम पर बेच चुके हैं. जिसमे कई फर्जी डिग्री लेने वालों ने भारत और विदेशों में नौकरी भी हासिल की है.

क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी रविन्द्र यादव के मुताबिक उनकी टीम को पता चला कि एमएच एडुवर्सिटी, डिजिटल स्कूल ऑफ इंडिया की आड़ में जाली, फर्जी मार्कशीट और डिग्री तैयार की जा रही है. इसके खिलाफ समय पर कारवाई करके पर्दाफाश किया जा सकता है. पुलिस ने वहां छापा मारा तो मौके से शंघाई इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, विलियम केरी यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ शिलांग, उत्तराखंड, राजस्थान, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, कलिंग, बिहार आदि की कुल 19 फर्जी मार्कशीट, सर्टिफिकेट, डिग्री और साथ में 11 लैपटॉप, 14 मोबाइल और नकली स्टांप बरामद किया गया.

इस मामले में आगे की जांच के दौरान महावीर को भी बुराड़ी से गिरफ्तार किया गया. उसके घर से भी कई विश्वविद्यालयों और राज्य शिक्षा बोर्डों की नकली और खाली डिग्री, प्रमाण पत्र, मार्क-शीट और माइग्रेशन प्रमाण पत्र के साथ-साथ अपराध में इस्तेमाल लैपटॉप, प्रिंटर, नकली स्टांप बरामद किए गए.

पूछताछ के दौरान आरोपी दाल चंद मेहरोलिया ने खुलासा किया कि वो साल 2020 से इस संस्थान को चला रहा है. उसने अपने कार्यालय में कई लड़कियों को टेली-कॉलर के पद पर नियुक्त किया. वे विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रवेश के लिए छात्रों से संपर्क कर इच्छुक छात्रों का डाटा दाल चंद मेहरोलिया को देती थीं. उसके बाद दाल चंद वाट्स ऐप के माध्यम से उन छात्रों से संपर्क करता और उन्हें आवश्यक दस्तावेजों के बिना डिग्री देने का लालच देता था. वह किसी भी छात्र से व्यक्तिगत रूप से नहीं मिला. उसने 10वीं कक्षा से लेकर पीएचडी तक की डिग्री के लिए 20,000 से 2 लाख 20,000 तक में बेचता था. पैसे लेने के बाद दालचंद मेहरोलिया कूरियर के माध्यम से छात्रों को डिग्री, प्रमाण पत्र भेजता था.

उनके द्वारा दस्तावेजों पर फर्जी होलोग्राम भी तैयार किए गए थे. दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने खुले बाजार में 2000 से अधिक फर्जी डिग्री, मार्कशीट बेची हैं. कई फर्जी मार्कशीट धारकों को अच्छी नौकरियां भी मिली हैं. महावीर कुमार 12वीं कक्षा तक पढ़ाई किया है और वह आरोपी दाल चंद मेहरोलिया का करीबी दोस्त है.



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *