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Delhi Rouse Avenue Court granted bail 10 TMC leaders case of protesting outside Election Commission headquarters ann


दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के 10 वरिष्ठ नेताओं को जमानत दी है. इन नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने पिछले साल अप्रैल में दिल्ली में लागू निषेधाज्ञा (धारा 144) का उल्लंघन करते हुए चुनाव आयोग के मुख्यालय के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था.

जिन नेताओं को जमानत दी गई है, उनमें पार्टी के वरिष्ठ सांसद डेरेक ओ’ब्रायन, पत्रकार से नेता बनीं सागरिका घोष, साकेत गोखले, शंतनु सेन, डोला सेन, नदीमुल हक, विवेक गुप्ता, अर्पिता घोष, अबीर रंजन विश्वास और सुदीप राहा शामिल हैं. ये सभी नेता उस दिन संसद से सीधे चुनाव आयोग पहुंचे थे, जब देशभर में केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष का आक्रोश चरम पर था.

‘कोर्ट का आदेश गिरफ्तारी नहीं, चार्जशीट ही काफी थी’
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने कहा कि चार्जशीट बिना किसी गिरफ्तारी के दाखिल की गई थी, जिससे स्पष्ट है कि यह मामला गिरफ्तारियों का नहीं, बल्कि कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है. अदालत ने पांच सांसदों को 10,000 के व्यक्तिगत मुचलके पर और शेष को एक जमानती के साथ जमानत दी. अगली सुनवाई 21 मई को होगी.

क्या था मामला ?
8 अप्रैल 2024 को टीएमसी के 10 नेताओं ने दिल्ली के निर्वाचन आयोग कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था. हाथों में बैनर और पोस्टर लिए इन नेताओं ने केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों सीबीआई, ईडी, एनआईए और आयकर विभाग के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए तत्कालीन प्रमुखों को हटाने की मांग की थी. यह प्रदर्शन तब हुआ जब दिल्ली पुलिस ने क्षेत्र में धारा 144 लागू कर रखी थी, जो किसी भी सार्वजनिक सभा या प्रदर्शन पर रोक लगाती है.

‘लोकतंत्र बचाओ’ या ‘कानून तोड़ो’
टीएमसी का दावा है कि यह प्रदर्शन लोकतांत्रिक अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए था. पार्टी का आरोप है कि मोदी सरकार की नीतियों और जांच एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष की आवाज दबाने के लिए किया जा रहा है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों को निषेधाज्ञा की जानकारी दी गई थी, फिर भी वे नहीं माने.

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