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Delhi rouse avenue court sent IT department DC and CA  3 days CBI custody in Faceless Assessment Scam ann 


Delhi Latest News: दिल्ली आयकर विभाग की “फेसलेस असेसमेंट स्कीम” में कथित भ्रष्टाचार के मामले को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो ने दो आईटी अफसरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. सीबीआई अधिकारियों ने आयकर विभाग के दो अधिकारियों को गिरफ्तार करने के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट में शनिवार को पेश किया था. आयकर विभाग के अफसरों के वकील ने अदालत में सीबीआई की कार्रवाई को गैर कानूनी बताया, लेकिन सीबीआई ने दावा किया कि उसने नियमानुसार ही दोनों अफसरों को गिरफ्तार किया है. 

राउज एवेन्यू कोर्ट ने दोनों पक्षों की ओर से दलील सुनने के बाद “फेसलेस असेसमेंट स्कीम” में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के आरोप में गिरफ्तार किए गए आयकर विभाग के उपायुक्त आर. विजयेंद्र और चार्टर्ड अकाउंटेंट डीके अग्रवाल को तीन दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया. 

राउज एवेन्यू कोर्ट के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एवं सेशन जज अंजू बजाज चंदना ने दोनों आरोपियों को सीबीआई द्वारा अदालत में पेश किए जाने के बाद हिरासत में भेजने का आदेश दिया.सीबीआई ने अदालत में पेशी के दौरान सात दिन की पुलिस रिमांड की मांग करते हुए कहा कि मामले की गहन जांच और बड़ी साजिश का खुलासा करने के लिए आरोपियों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करना आवश्यक है.

आरोपियों के वकील का दावा- CBI ने जांच के कभी नहीं बुलाया 

आयकर विभाग के उपायुक्त आर. विजयेंद्र की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता प्रमोद कुमार दुबे ने सीबीआई की मांग का विरोध करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल को जांच के लिए कभी तलब नहीं किया गया. वह नवंबर 2024 से निलंबन पर हैं. प्रमोद कुमार दुबे ने यह भी तर्क दिया कि सबूतों को नष्ट करने या जांच को प्रभावित करने की कोई संभावना नहीं है.

CBI ने लगाए रिश्वत लेने के आरोप

सीबीआई के अनुसार साल 2015 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी विजयेंद्र दिल्ली के झंडेवालान कार्यालय में तैनात थे. उन्हें आयकर विभाग के कार्यालय से ही गिरफ्तार किया गया. जबकि डीके अग्रवाल को गुजरात के भरूच से पकड़ा गया. 

जांच एजेंसी का दावा है कि दोनों आरोपियों ने लंबित उच्च-मूल्य वाले आयकर आकलन मामलों में विभिन्न करदाताओं से संपर्क कर रिश्वत लेकर उनके पक्ष में अनुकूल आदेश दिलाने का वादा किया था. 

क्या है फेसलेस असेसमेंट स्कीम?

सीबीआई ने अदालत को बताया कि वित्त मंत्रालय द्वारा भ्रष्टाचार को समाप्त करने और पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई “फेसलेस असेसमेंट स्कीम” के तहत करदाता और आकलन अधिकारी के बीच प्रत्यक्ष संपर्क समाप्त कर दिया गया था. इस स्कीम के पीछे मुख्य उद्देश्य मानवीय हस्तक्षेप और भ्रष्टाचार को कम करना था अदालत ने दोनों आरोपियों को 29 अप्रैल तक सीबीआई हिरासत में भेजने का आदेश दिया है.



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