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Details Of Married Couples Will Be Linked To Aadhaar To Prevent Fraud In Up – सामूहिक विवाह योजना में धोखाधड़ी रोकने के लिए विवाहित जोड़ों के विवरण को आधार से जोड़ा जाएगा: मंत्री



Details Of Married Couples Will Be Linked To Aadhaar To Prevent Fraud In Up – सामूहिक विवाह योजना में धोखाधड़ी रोकने के लिए विवाहित जोड़ों के विवरण को आधार से जोड़ा जाएगा: मंत्री

उनकी यह टिप्पणी बलिया जिले के मनियर में गत 25 जनवरी को आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में हुई धोखाधड़ी के संदर्भ में महत्वपूर्ण है. इस बीच, जिले के मनियर इंटर कॉलेज में 25 जनवरी को आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने रविवार को एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया. इस मामले में अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

अरुण ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘अब मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में नवविवाहित जोड़ों को कार्यक्रम स्थल पर ही विवाह प्रमाणपत्र दिया जाएगा. लखनऊ में दो दिनों तक हमने इस पर चर्चा की कि प्रक्रिया को कैसे और मजबूत किया जा सकता है. प्रमाणपत्र पर दूल्हा और दुल्हन दोनों की तस्वीरें होती हैं. आधार प्रमाणीकरण हम करवाते हैं लेकिन हमें मौके पर भी चेक करना चाहिए कि कोई और लड़की तो नहीं आ गई है. हम डीबीटी और आधार को जोड़कर दो सप्ताह के अंदर व्यवस्था बना लेंगे. ”

उन्होंने कहा, ‘‘ इस तरह का दुरुपयोग पहले कभी नहीं देखा गया. हम दो सप्ताह के भीतर प्रक्रिया को इतना मजबूत बना देंगे.” अरुण ने कहा कि बलिया में शिकायत आई थी कि हाल ही में करीब 537 शादियां हुई हैं और इसमें कुछ जोड़े ऐसे भी हैं जिनकी शादी कुछ महीने पहले हुई है. वे केवल वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए गलत तरीके से विवाह का आवेदन कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘इस शिकायत की जांच के लिए कमेटी गठित की गई और विवाह के लिये सरकार की तरफ से दिये जाने वाले 35 हजार रुपये का भुगतान तत्काल रोक दिया गया. इस मामले में दोषी पाए गए चार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. उनमें से तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके साथ ही जो दलाल धोखाधड़ी और गबन में शामिल थे, उन्हें भी गिरफ्तार किया गया है.” मंत्री ने यह भी बताया कि बलिया में सामूहिक विवाह योजना का लाभ लेने वाले 240 लोग अपात्र पाए गए हैं. इसकी जांच के लिये 20 टीम गठित की गईं, उन्हें तफ्तीश के लिये घर-घर भेजा गया और उपहार के रूप में दी गई लगभग सभी वस्तुएं वापस ले ली गई हैं.

इस बीच, जिला पुलिस ने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में धोखाधड़ी के मामले में रेवती थाना क्षेत्र के गायघाट गांव के निवासी आशीष चौहान उर्फ मिथुन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपक श्रीवास्तव की शिकायत पर मंगलवार को मनियर थाने में समाज कल्याण विभाग के सहायक विकास अधिकारी सुनील कुमार यादव (जिन्हें निलंबित कर दिया गया है) और लाभ लेने वाली आठ महिलाओं – अर्चना, रंजना यादव, प्रियंका, सोनम, पूजा, संजू, रमिता और सुमन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. हालांकि इन महिलाओं को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है.

इस मामले में अब तक समाज कल्याण विभाग के दो सहायक विकास अधिकारियों – सुनील कुमार यादव और भानु प्रताप के साथ-साथ रवींद्र गुप्ता, आलोक श्रीवास्तव, उपेंद्र यादव, दीपक चौहान, मुकेश कुमार गुप्ता, रामजी चौहान, आशीष चौहान, संतोष यादव, अर्जुन वर्मा, रामनाथ, अच्छेलाल वर्मा, धर्मेंद्र यादव, गुलाब यादव और सरबजीत सिंह को गिरफ्तार किया गया है. बलिया जिले में हाल ही में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में पिछले महीने समाज कल्याण विभाग के सहायक विकास अधिकारी और आठ लाभार्थियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था.

कथित तौर पर इस मामले से जुड़ा एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें बबलू नामक एक युवक संवाददाताओं को बता रहा है कि वह सामूहिक विवाह कार्यक्रम देखने गया था, वहां उसे दो-तीन हजार रुपये का लालच देकर ‘शादी के लिये’ बैठा लिया गया था. संवाददाताओं के पूछने पर युवक बता रहा है कि उसे टोपी लगाकर और माला पहनाकर फोटो खींची गयी थी. वीडियो में युवक यह भी कह रहा है कि वहां इस तरह से बैठाये गये बहुत से लोग थे. उसे इसके लिये धन भी नहीं मिला.

इस मामले की जांच के लिए जिला कृषि अधिकारी, जिला दिव्यांग जन सशक्तिकरण अधिकारी और जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी की एक समिति गठित की गई थी.जांच में पाया गया कि मानिकापुर गांव की अर्चना की शादी जून 2023 को ही हो चुकी थी. इसके अलावा रंजना यादव और सुमन चौहान की शादी मार्च 2023 में, प्रियंका की शादी नवम्बर 2023 में, पूजा की शादी एक वर्ष पहले, संजू की शादी तीन वर्ष पहले और रमिता की शादी जुलाई 2023 में ही हो चुकी थी. इसके अलावा सोनम का विवाह अभी तय नहीं है. ये सभी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत पात्र नहीं हैं.

अपात्र आवेदकों ने वास्तविक तथ्यों को छिपाते हुए योजना के तहत अवैध रूप से लाभ पाने के लिए आवेदन किया था. समाज कल्याण विभाग के सहायक विकास अधिकारी सुनील कुमार यादव ने उन आवेदनों की जांच में लापरवाही की जिससे यह फर्जीवाड़ा हुआ.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)



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