Fashion

Digvijaya Singh padyatra know history of MP Rajgarh elections ann


Rajgarh Lok Sabha Elections 2024: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राजगढ़ संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी बनाए गए दिग्विजय सिंह की पदयात्रा का आज चौथा दिन है. दिग्विजय सिंह प्रतिदिन विधानसभा क्षेत्रों में 25 किलोमीटर की पदयात्रा कर रहे हैं. उनकी पदयात्रा के दौरान आगे-आगे समर्थक ढोलक-मंजीरे बजाकर भजन करते चल रहे हैं.

पदयात्रा में शामिल कार्यकर्ता भी भजन कर रहे हैं. उनकी इस पदयात्रा को कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा सराहा भी जा रहा है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि दिग्विजय सिंह जमीन पर उतरकर चुनाव लड़ रहे हैं, यह देश में अनूठा उदाहरण हैं.

‘ये पूरे देश में अनूठा उदाहरण है’
कांग्रेस के ‘राजगढ़ लोकसभा’ नामक ट्विटर अकाउंट से एक पोस्ट की गई, जिसमें लिखा है कि लोकसभा चुनाव में जमीन पर जाकर चुनाव हर कोई नहीं लड़ सकता है, क्योंकि जनता से आंख से आंख मिलाकर उनसे मिलने का साहस उसी नेता में हो सकता है, जो जनता के काम करे. दिग्विजय सिंह जी जिस तरह पदयात्रा करके समर्थन जुटा रहे हैं, ये पूरे देश में अनूठा उदाहरण है, लेकिन जीत का अचूक मंत्र भी है. 

पदयात्रा को दिया नाम ‘वादा निभाओ’
राजगढ़ संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह 31 मार्च को अपनी पदयात्रा की शुरुआत की थी. उन्होंने इस पदयात्रा को वादा निभाओ नाम दिया है. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह राजगढ़ संसदीय क्षेत्र में प्रतिदिन 25 किलोमीटर पैदल चल रहे हैं. बता दें पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के लिए राजगढ़ संसदीय सीट परंपरागत सीट है, इस सीट से वे दो बार सांसद रह चुके हैं, जबकि पांच बार उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंह चुनाव जीत चुके हैं. अब 33 साल बाद पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह स्वयं इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. 

प्रतिदिन चल रहे 25 किलोमीटर
दिग्विजय सिंह की पदयात्रा का आज चौथा दिन है. उनकी पदयात्रा एक विधानसभा क्षेत्र में करीब 60 किलोमीटर का क्षेत्र कवर करेगी. हालांकि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह एक विधानसभा में 25 किलोमीटर चल रहे हैं. विधानसभा के बाकी हिस्से में स्थानीय कांग्रेस के नेता पैदल यात्रा कर जनता को कांग्रेस की रीति नीति से अवगत करा रहे हैं. 

दिग्विजय परिवार का गढ़ है राजगढ़ सीट
बता मध्य प्रदेश की राजगढ़ लोकसभा सीट दिग्विजय सिंह परिवार का गढ़ रहा है. इस सीट से दो बार दिग्विजय सिंह सांसद रहे, जबकि पांच बार उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंह सांसद रहे. खास बात यह है कि एक बार लक्ष्मण सिंह इस सीट से बीजेपी के टिकट से भी सांसद रह चुके हैं.

वर्ष 1962 में भानु प्रकाश सिंह स्वतंत्र रूप से सांसद बने, जबकि इसके बाद 1967 में भारतीय जनसंघ से बाबूराव पटेल, 1971 में भारतीय जनता संघ से जगन्नाथ राव जोशी, 1977 में जनता पार्टी भारतीय जनतासंघ से बसंत कुमार पंडित, 1980 में भी बसंत कुमार पंडित, 1980 में कांग्रेस से दिग्विजय सिंह, 1989 में बीजेपी से प्यारेलाल खंडेलवाल, 1991 में कांग्रेस से दिग्विजय सिंह, 1994 से 2004 (पांच बार) लक्ष्मण सिंह, 2009 में कांग्रेस से नारायण सिंह आमलाबे, 2014 में भाजपा से रोडमल नागर, 2019 में भी भाजपा से रोडमल नागर चुनाव जीते.

ये भी पढ़ें: गुजरात से नशीले पदार्थ की सप्लाई करने वाले गैंग का पर्दाफाश, मंदसौर से महिला समेत दो गिरफ्तार





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *