DRDO Hypersonic Missile Breakthrough Coming Soon To Afraid China And Pakistan
DRDO Hypersonic Missile: भारत-पाकिस्तान के संघर्ष के दौरान भारतीय सेना ने अपना दम दिखाया था. अब भारत रक्षा क्षेत्र में नया इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ा है. डीआरडीओ के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. सुधीर कुमार मिश्रा ने 16 मई, 2025 को बताया कि भारत 5 मैक की स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम स्वदेशी हाइपरसोनिक मिसाइल के साथ एक प्रमुख रक्षा उपलब्धि हासिल करने के कगार पर है.
न्यूज 18 के पावरिंग भारत समिट में डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख ने कहा कि हाइपरसोनिक मिसाइल के सफल परीक्षण किए गए हैं और अब मिसाइल सिस्टम को जल्द ही सभी के सामने लाने की तैयारी चल रही है. इस मिसाइल की स्पीड 5 मैक यानि लगभग 6120 किमी. प्रति घंटा होगी, जो दुनिया की सबसे तेज और घातक मिसाइलों में से एक होगी. मिसाइल का अनावरण होने के बाद भारत दुनिया की सैन्य शक्ति के रूप में नई ऊंचाई पर पहुंच जाएगा.
क्या कहा डॉ. सुधीर मिश्रा ने?
उन्होंने ने कहा, “दो-तीन हफ्ते पहले हमने हाइपरसोनिक इंजन का परीक्षण किया था. जल्द ही हम एक हाइपरसोनिक मिसाइल लेकर आएंगे जो मैक 5 की गति तक पहुंचेगी. ब्रह्मोस के लिए सभी तकनीकें डीआरडीओ की ओर से ही विकसित की गई हैं, हमने दुनिया का सबसे बड़ा लॉन्चर भी खुद ही बनाया है.” उन्होंने आगे कहा कि जब दूसरे देश मिसाइल सिस्टम की तुलना करते हैं और भारत के सिस्टम को शामिल करना चुनते हैं तो इसका मतलब है कि हमारा सिस्टम सबसे अच्छा है.
‘कॉस्ट पर नहीं क्वालिटी पर दिया जोर’
उन्होंने ने ब्रह्मोस को एक बहुत पावरफुल यूनिर्सल हथियार बताया जो बहुत ज्यादा ताकत के साथ हमला करता है, जिससे इसे रोकना लगभग असंभव हो जाता है. मिसाइल सिस्टम की विश्वसनीयता पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हर बार मापदंडों में लगातार सुधार के साथ 130 से अधिक परीक्षण किए गए हैं. लागत से ज्यादा क्वालिटी के महत्व पर जोर दिया गया.
मिश्रा ने कहा कि डीआरडीओ पारंपरिक एल1 (सबसे कम बोली लगाने वाला) मार्ग से बचता है, इसके बजाय टी1 का विकल्प चुनता है, जो कि सर्वोत्तम तकनीकी पेशकश है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रदर्शन से समझौता न हो. उन्होंने कहा, “आकाश, ब्रह्मोस और अन्य स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक टेक्नोलॉजी जैसी भारतीय सिस्टम ने सशस्त्र बलों के आत्मविश्वास को बहुत बढ़ाया है.”
क्या होती हैं हाइपरसोनिक मिसाइलें?
ये वो मिसाइलें होंती हैं जो आवाज की स्पीड से पांच गुना या उससे भी ज्यादा स्पीड उड़ान भर सकती हैं. इनकी स्पीड मैक 5 से लेकर मैक 25 तक हो सकती है. ये मिसाइलें अपनी स्पीड के लिए तो जानी ही जाती हैं, साथ ही ये बीच हवा में अपनी दिशा बदलने की क्षमता रखती हैं. इतना ही नहीं निचली ऊंचाई पर उड़ान भरने की वजह से ये मौजूदा एयर डिफेंस सिस्टम के लिए लगभग अजेय होती हैं.
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