Dummy Bomb blast Jalore railway station 30 man injured blackout announced siren sounded operation Shield ann
Jalore Operation Shield News: केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर अमले करते हुए राजस्थान के जालोर जिला प्रशासन ने द्वितीय सिविल डिफेंस अभ्यास ‘ऑपरेशन शील्ड’ का आयोजन शनिवार की रात किया. इसका मकसद नागरिक सुरक्षा तैयारियों को मजबूत करना है. इस योजना के तहत शनिवार को रेलवे स्टेशन परिसर जालोर में नागरिक सुरक्षा अभ्यास (मॉक ड्रिल) किया गया.
ब्लैकआउट और मॉकड्रिल के तहत रेलवे स्टेशन पर बमबारी से 30 व्यक्तियों के घायल होने की सूचना पर जिला प्रशासन, पुलिस, मेडिकल, एनडीआरएफ के 15 सदस्य दल, होमगार्ड के 60 सदस्य दल और सिविल डिफेंस को दी गई. बम ब्लास्ट की सूचना मिलने से सभी सरकारी एजेंसियों से जुड़े लोगों के हाथ पांव फूल गए.
रात में इमरजेंसी सायरन बजते ही जालोर का बदल गया नजारा
जालोर रेलवे स्टेशन पर बम विस्फोट की सूचना के बाद सभी सरकारी एजेंसियां युद्धस्तर पर राहत कार्य में जुट गईं. तत्काल अस्थायी अस्पताल बनाए गए. डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को मौके पर पहुंचे. घायलों को तुरन्त उपचार मुहैया कराया गया. पुलिसकर्मी सुरक्षा जांच में इस दौरान जुटे रहे. गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में बेहतर इलाज के लिए भर्ती कराया गया.
बम ब्लास्ट का आरोपी गिरफ्तार
जालोर पुलिस की फोरेंसिक की टीम ने सबूत जुटाए तथा त्वरित कार्यवाही करते हुए पुलिस ने एक डमी संदिग्ध को गिरफ्तार भी किया.
मॉक ड्रिल की रणनीति के तहत जिला कलक्टर डॉ. प्रदीप के. गावंडे, जिला पुलिस अधीक्षक ज्ञानचन्द्र यादव के निर्देशन में जिला प्रशासन, पुलिस, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सिविल डिफेंस, अग्निशमन, एनसीसी, सार्वजनिक निर्माण विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, डिस्कॉम, सहित नागरिक सुरक्षा सेवाओं की रेस्पॉन्स टीम ने आपातकालीन निकासी योजनाओं और उनके कार्यान्वयन की स्थिति का मूल्यांकन किया.
ऑपरेशन शील्ड के दौरान क्या करें?
दरअसल, ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत ब्लैकआउट, सायरन बजाने और मॉक ड्रिल का आयोजन नागरिक सुरक्षा तैयारियों को मजबूत करने के मकसद किया जाता है. इस दौरान युद्ध जैसे जैसे हालात शहर या कस्बों में पैदा किए जाते हैं. इस घटना की सूचना ब्लैकआउट और सायरन बजाकर लोगों को दी जाती है.
ऐसे हालात में सभी नागरिकों को चाहिए कि सायरन बजने ही यथास्थिति में अपने घरों, दुकानों, होटलों, भवनों, वाहनों, कार्यालय या किसी भी परिसर की सभी लाईटें स्वेच्छा से बंद कर दें. घर की खिड़कियों और दरवाजों पर काले पर्दे या कवर लगाएं. ताकि रोशनी बाहर न जाए. अफवाहों से बचें तथा सटीक जानकारी सुनें व प्रसारित करें. ड्रिल के समय निर्धारित समय पर बिजली के सभी उपकरण बंद करें. ड्रिल के समय शांत रहे व अफवाहों से बचें. ब्लैकआउट के दौरान टॉर्च या बैटरी से चलने वाले उपकरण साथ रखें. गांव व मोहल्लों में चौकसी रखें और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत नजदीकी पुलिस थाने को दें. ड्रिल के दौरान मोबाइल की फ्लैश लाइट व वाहन की हेडलाइट का अनावश्यक प्रयोग न करें. भीड़ इकट्ठी न करें और अनुशासन बनाए रखें. किसी भी प्रकार की आतिशबाजी, तेज आवाज वाले उपकरणों या ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग न करें.
( रिपोर्ट-एच.एल.भाटी )