Durg Mock Drill Civil defense war instructions for citizens Chhattisgarh News ann
Mock Drill in Durg Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में सिविल डिफेंस वॉर मॉक ड्रिल बुधवार (7 मई) यानी आज को होनी है. केंद्र सरकार की लिस्ट में छत्तीसगढ़ के एकमात्र शहर दुर्ग का नाम शामिल हैं. इसको लेकर मंगलवार (7 मई) देर शाम तक दुर्ग जिला प्रशासन मॉक ड्रिल को लेकर तैयारियों के संबंध में बैठक की गई.
पाकिस्तान से तनाव के बीच केंद्र सरकार ने देश के 244 जिलों में 7 मई को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल करने का फैसला किया है, जिसमें आम नागरिकों को सम्भावित हमले से बचाव की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसका मकसद युद्ध की स्थिति में आम नागरिकों के जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
केंद्र सरकार ने सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट को उनकी संवेदनशीलता के आधार पर 3 कैटेगिरी में डिवाइड किया गया है. कैटेगिरी 1 में सबसे ज्यादा संवेदनशील जिले, कैटेगिरी 2 में मध्यम संवेदनशील जिले और कैटेगिरी 3 में सबसे कम संवेदनशील जिलों को रखा गया है. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिलों कैटेगिरी 2 में शामिल किया गया है.
पिछली बार भारत – पाकिस्तान युद्ध के दौरान 1971 में हुई थी मॉक ड्रिल
देश में इससे पहले सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल साल 1971 में की गई थी. उस समय भी भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था और युद्ध के दौरान ही सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल कराई गई थी.दरअसल 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमके में देश के 26 नागरिकों की हत्या पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने कर दी. इसके बाद भारत पाकिस्तान में बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है. और किसी भी वक्त युद्ध शुरू हो सकता है. जिसके चलते केंद्र सरकार युद्ध में होने वाले किसी भी तरह के सम्भावित खतरे की तैयारी कर रही है.
नागरिकों के लिए हिदायतें
1. जागरूकता और तैयारी
– ड्रिल के बारे में जानें: स्थानीय प्रशासन या सिविल डिफेंस अधिकारियों द्वारा जारी नोटिफिकेशन पढ़ें. ड्रिल का समय, स्थान, और उद्देश्य समझें.
– आपातकालीन किट तैयार करें: टॉर्च, प्राथमिक चिकित्सा किट, पानी, और आवश्यक दवाइयाँ जैसी चीजें तैयार रखें.
– परिवार के साथ योजना बनाएं: परिवार के सदस्यों को ड्रिल के दौरान मिलने की जगह (रेंडेजवस पॉइंट) और संचार के तरीके (जैसे मोबाइल या वैकल्पिक संपर्क) तय करें.
2. हवाई हमले की चेतावनी सायरन:
– सायरन को समझें: विभिन्न सायरन ध्वनियों (जैसे खतरे की चेतावनी या खतरा समाप्त) का अर्थ जानें. स्थानीय प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी का पालन करें.
– तुरंत प्रतिक्रिया करें: सायरन सुनते ही सुरक्षित स्थान (जैसे बेसमेंट, बंकर, या मजबूत इमारत) की ओर बढ़ें.
– शांत रहें: घबराहट से बचें और दूसरों को भी शांत रहने के लिए प्रोत्साहित करें.
3. ब्लैकआउट और छलावरण:
– लाइट बंद करे: ड्रिल के दौरान घर, वाहन, या अन्य स्थानों की सभी बाहरी और अनावश्यक रोशनी बंद करें ताकि हवाई हमले में स्थान का पता न चले.
– खिड़कियाँ ढकें: पर्दे या काले कपड़े का उपयोग करके खिड़कियों से रोशनी बाहर जाने से रोकें.
– वाहनों का उपयोग सीमित करें: अनावश्यक वाहन चलाने से बचें, क्योंकि यह ब्लैकआउट के प्रभाव को कम कर सकता है.
4. निकासी और सुरक्षित व्यवहार:
– निकासी मार्ग जानें: अपने घर, कार्यस्थल, या स्कूल से निकटतम निकासी मार्ग और सुरक्षित आश्रय स्थल की जानकारी रखें.
– निर्देशों का पालन करें: सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स या अधिकारियों के निर्देशों का सख्ती से पालन करें.
– भीड़ से बचें: निकासी के दौरान धक्का-मुक्की न करें और दूसरों को रास्ता दें.
5. प्रशिक्षण और सहभागिता:
– प्रशिक्षण में भाग लें: ड्रिल के दौरान आयोजित प्रशिक्षण सत्रों (जैसे प्राथमिक चिकित्सा, आग बुझाने, या बुनियादी आत्मरक्षा) में सक्रिय रूप से भाग लें.
– प्रश्न पूछें: यदि कोई प्रक्रिया समझ में न आए, तो आयोजकों से स्पष्टीकरण माँगें.
– फीडबैक दें: ड्रिल के बाद आयोजकों को अपनी टिप्पणियाँ या सुझाव दें ताकि भविष्य में सुधार हो सके.
6. विशेष सावधानियां:
– बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखें: सुनिश्चित करें कि बच्चे और बुजुर्ग सुरक्षित हैं और उन्हें ड्रिल की प्रक्रिया समझाई गई है.
– स्वास्थ्य संबंधी जरूरतें: यदि किसी को विशेष चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है, तो पहले से अधिकारियों को सूचित करें.
– पालतू जानवरों की सुरक्षा: पालतू जानवरों को नियंत्रित रखें और उनके लिए भी सुरक्षित स्थान सुनिश्चित करें.
7. सुरक्षा और अनुशासन
– अफवाहों से बचें: केवल आधिकारिक स्रोतों (जैसे स्थानीय प्रशासन, पुलिस, या समाचार) से जानकारी लें.
– सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करें*: यदि उपलब्ध हो, तो हेलमेट, मास्क, या अन्य सुरक्षात्मक उपकरण पहनें.
– अनुशासित रहें: ड्रिल को गंभीरता से लें और इसे मनोरंजन के रूप में न देखें.
अतिरिक्त सुझाव-:
– स्थानीय संदर्भ: भारत के विभिन्न क्षेत्रों (जैसे शहरी दिल्ली या ग्रामीण राजस्थान) में जोखिम और संसाधन अलग-अलग हो सकते हैं. स्थानीय प्रशासन की विशिष्ट हिदायतों का पालन करें.
– महिलाओं और बच्चों के लिए: विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को आत्मरक्षा तकनीकों (जैसे बुनियादी बचाव या खतरे से बचने) का प्रशिक्षण देने पर जोर दें.
– सामुदायिक सहयोग: पड़ोसियों और सामुदायिक समूहों के साथ मिलकर ड्रिल की तैयारी करें ताकि सामूहिक प्रतिक्रिया बेहतर हो.
ये हिदायतें नागरिकों को मॉक ड्रिल में सक्रिय और सुरक्षित रूप से भाग लेने में मदद करेंगी, साथ ही आपातकालीन स्थिति में उनकी तैयारियों को मजबूत करेंगी. सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल न केवल प्रशिक्षण का अवसर है, बल्कि नागरिकों में आत्मविश्वास और जागरूकता बढ़ाने का भी माध्यम है.
विनीत पाठक की रिपोर्ट.