ex chief minister uddhav thackeray and raj thackeray could reunited in maharashtra again after decades of diffrences
Reunion of Thackeray Cousins: महाराष्ट्र की राजनीतिक हवाओं ने एक नया मोड़ लिया है. राज्य में दशकों के बाद एक नई चर्चा से बाजार गर्म है. यह चर्चा दशकों पहले अलग हो चुके ठाकरे भाइयों के फिर से एक साथ होने को लेकर है. इस चर्चा को लेकर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने भी संकेत दिए हैं. दोनों चचेरे भाइयों ने इसके पीछे मराठी संस्कृति और पहचान पर कथित खतरों का हवाला दिया है.
ठाकरे भाइयों के एकजुट होने की चर्चा को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने भी बयान दिया है. भाजपा और कांग्रेस ने कहा कि वे इस तरह से पुनर्मिलन का स्वागत करेंगे, लेकिन ठाकरे भाइयों के एकजुट होने का मतलब यह भी है कि ठाकरे परिवार मुंबई में होने वाले आगामी निकाय चुनावों में भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे. वहीं, कांग्रेस और एनसीपी भी इस बात को जानते हैं और वे इसे लेकर आशावादी हैं.
ठाकरे भाइयों ने महाराष्ट्र की जनता को दिया संदेश
ठाकरे भाइयों ने फिर से एकजुट होने को लेकर महाराष्ट्र के वोटरों को एक बड़ा संदेश दिया है. यह संदेश है कि राज्य का हित और मराठी संस्कृति किसी भी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से बड़े हैं. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण पार्टी के प्रमुख राज ठाकरे ने अलग-अलग कार्यक्रमों में इस बात को लेकर संकेत दिया है कि अगर वे फिर से एक साथ हो जाएं तो यह गठबंधन राज्य हित के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगा.
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि उनके और उद्धव ठाकरे के बीच बेहद छोटा सा मतभेद है, जिसका प्रभाव मराठी लोगों पर देखा जा सकता है. उन्होंने कहा, “उद्धव और मेरे बीच में बेहद मामूली सा मतभेद है, लेकिन महाराष्ट्र और महाराष्ट्र का हित इससे कहीं ज्यादा बड़ा है और यह मतभेद मराठी लोगों और महाराष्ट्र के अस्तित्व के लिए काफी महंगी साबित हो रही है. ऐसे में हमारे एक साथ होने में ज्यादा मुश्किलें नहीं हैं.”
उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे के साथ जुड़ने के लिए रखी शर्त
राज ठाकरे से जुड़ने को लेकर पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने एक शर्त रखी है. पूर्व सीएम ने कहा, “मैं सभी छोटे-मोटे विवादों को दरकिनार करने के लिए तैयार हूं. लेकिन मेरी एक शर्त है. शर्त है कि हम बार-बार अपने समर्थन में बदलाव नहीं करेंगे यानी एक दिन हम एक-दूसरे का समर्थन करें और दूसरे दिन विरोध करने लगे.”