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Exclusive: पाकिस्तान के ‘भारत प्रायोजित आतंकवाद’ के दावे की खुली पोल, एक्सपर्ट की जांच में फर्जी निकले सभी सबूत


पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. भारतीय एजेंसियों की जांच में यह बात सामने आई है कि इस हमले में पाकिस्तानी आतंकी शामिल थे. भारत ने पाकिस्तान पर पहलगाम के दहशतगर्तों पर कार्रवाई की मांग की है. लेकिन पाकिस्तान ने इन आरोपों का खंडन किया है. उल्टे पाकिस्तान ने भारत पर आतंकी हमलों का आरोप लगाया है. 29 अप्रैल को पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने भारत पर पाकिस्तान में आतंकी हमलों का आरोप लगाया. 

पाकिस्तान के विदेशी मंत्री ने कहा था- हमने भारतीय आतंकी पकड़ा

अगले दिन 30 अप्रैल को पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने भी इन आरोपों को दोहराया. प्रेस कॉफ्रेंस में पाकिस्तान के मंत्री ने बताया कि हमने दो दिन पहले एक आतंकवादी पकड़ा है. वह आतंकी भारतीय है. उसके पास से दो मोबाइल फोन, ड्रोन और अन्य उपकरण मिले है. जो साबित करते हैं कि भारत पाकिस्तान में आतंकी वारदातों को अंजाम देता है. 

इशाक डार का दावा- हमारे पास पक्के सबूत, एक्सपर्ट की जांच में निकले फर्जी

इशाक डार ने दावा किया कि उनके पास पक्के सबूत हैं. पाकिस्तान ने स्वतंत्र विशेषज्ञों को इनकी जांच के लिए आमंत्रित भी किया. इशाक डार के दावों पर भारत के साइबर एक्सपर्ट ने पाकिस्तान द्वारा दिखाए गए सबूतों- स्क्रीनशॉट, ऑडियो, ड्रोन की जांच की. जांच में यह निकला कि वो सब फर्जी है. 

साइबर एक्सपर्ट ने बताया- स्क्रीनशॉर्ट्स में छेड़छाड़ कर गढ़े फर्जी सबूत

पाकिस्तान के फर्जी स्क्रीनशॉट, ऑडियो और ड्रोन की जांच करने वाले साइबर एक्सपर्ट जितेन जैन ने NDTV पर एक-एक कर पाकिस्तानी झूठ के पुलिंदा का पर्दाफाश कर दिया. जितेन जैन ने बताया कि हमारी जांच में पाया कि ये सारे सबूत फर्जी हैं. जांच में स्क्रीनशॉट्स में छेड़छाड़, समय की गड़बड़ियां और झूठी कहानियां मिलीं है. ये सारी बातें पाकिस्तान की सैन्य प्रचार मशीनरी की जालसाजी और तकनीकी नाकामी को दर्शाती हैं.

फोरेंसिक नॉन ऐक्टिव फोन का होता है, जारी स्क्रीनशॉट में एक्टिव दिख रहे फोन

एक्सपर्ट ने बताया कि फोरेंसिक जांच क्लोन किए हुए नॉन ऐक्टिव फ़ोन पर होती है. लेकिन पाकिस्तान ने आतंकी के जिस सबूत के स्क्रीनशॉट शेयर किए, उसमें साफ दिख रहा है कि फोन ऐक्टिव है. यह फोन दो सिम वाला है. स्क्रीनशॉट में दिख रहा है कि दोनों सिमों में नेटवर्क कनेक्शन है.

स्क्रीनशॉट में ऑनलाइन दिख रहा आतंकी शकंदर

पाकिस्तान के फर्जी दावे की एक और बड़ी सच्चाई स्क्रीनशॉट से सामने आया. जब्त फोन के स्क्रीनशॉट में आतंकी हैंडलर ‘शकंदर’ ऑनलाइन है. जबकि फोन पाक प्रशासन के कब्जे में था और जांच हो रही थी. यह कैसे संभव है कि जिस आतंकी के फोन की आप जांच कर रहे हैं, वो ऑनलाइन हो. एक्सपर्ट ने बताया कि जांच के दौरान फोन एयरप्लेन मोड पर होना चाहिए था. ‘ऑनलाइन’ जैसे स्टेटस अपडेट के लिए कनेक्शन जरूरी होता है. साबित होता है कि ये फर्ज़ीवाड़ा है.

साल भर पुरानी व्हाट्सऐप रिकॉर्डिंग भी दिखाई

पाकिस्तान ने जारी किए गए सबूतों में साल भर पुरानी व्हाट्सऐप रिकॉर्डिंग भी दिखाई. इसके लिए या तो आतंकी ने कॉल-रिकॉर्डिंग मैलवेयर इंस्टॉल किया या ISI ने स्पाईवेयर प्लांट किया. तो इसका मतलब यह है कि उसे आतंकी हमले की जानकारी थी?

एक्सपर्ट ने पाकिस्तान के सबूतों की सच्चाई बताते हुए कहा कि संदिग्ध संदेश भेजने के कई दिन बाद पकड़े गए. स्क्रीनशॉट संदेश भेजने के मिनटों बाद लिए गए. इसका मतलब क्या आतंकी ख़ुद अपने संदेशों के स्क्रीनशॉट ले रहे थे?

पाकिस्तान ने सबूत में चीनी ड्रोन को भारत का बताया

पाकिस्तान द्वारा दिखाए गए सबूतों में एक ड्रोन भी दिखाया गया. जिसके बारे में पाकिस्तान ने दावा किया कि यह ड्रोन आतंकी के घर से पकड़ा गया. लेकिन जो तस्वीर दिखाई गई, उसमें ड्रोन किसी खेत में दिख रहा है. पाकिस्तान का दावा है कि आतंकी के घर से भारतीय ड्रोन बरामद हुआ. लेकिन असलियत यह है कि रिवर्स इमेज में ड्रोन चीन का DJI मॉडल निकला. 

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10 हजार की बात, फिर अचानक 1.95 लाख रुपए क्यों भेजे

सबूतों पर पाकिस्तान ने एक दावा यह भी किया कि हैंडलर सबकी नजरों से बचने के लिए 10,000 रुपए जैसी छोटी रक़म भेजता था. लेकिन फिर अचानक 1,95,000 रुपए क्यों भेज दिए? फोन पाक प्रशासन में कब्जे में है. 6 महीने की जांच हुई फिर भी पैसे मिलने के 1 मिनट बाद के स्क्रीनशॉट्स कैसे लिए गए. क्या आतंकी खुद से स्क्रीनशॉट जमा कर रहे थे.

दावा- कई खातों में मनी ट्रेल के सबूत मिले, हकीकत- पैसे किसी पाकिस्तानी ने ही भेजे पैसे

पाकिस्तान ने दावा किया कि आतंकियों ने कई खातों से मनी ट्रेल मिला. लेकिन एक ही खाते के ‘सबूत’ दिए. एक्सपर्ट ने बताया कि जिस एप के जरिए पैसे भेजे वह पाकिस्तान में चलता है. इसका साफ मतलब है कि पैसे किसी पाकिस्तानी ने भेजे. तो सबसे पहले तो उन पाकिस्तानी नागरिकों को पकड़ना चाहिए जिन्होंने उन्हीं के दावों के अनुसार आतंकियों को पैसे भेजे.  

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पाक का दावा- हिंदी-पंजाबी में बोला, हकीकत- दो अलग-अलग लोगों की आवाज

पाकिस्तान का दावा है कि कथित भारतीय अफ़सर हिंदी और पंजाबी में बोला. जांच में पता चला दो अलग-अलग लोगों की आवाज़ें है. वीडियो में अफसर के लंबे नाख़ून और मैनिक्योर्ड हाथ दिखे! एक्सपर्ट ने कहा कि भारत में सेना के जवान ऐसे नहीं रहते, जरूर पाकिस्तान के जवान ऐसे रहते हैं. 

पाकिस्तान का दावा है कि उनके पास भारतीय फौजी अफ़सर का नाम है. लेकिन असलियत यह है कि उनके पास न तो कोई फ़ोन नंबर, न कोई मेटाडेटा, ISP लॉग, कॉन्टैक्ट ट्रेल तक नहीं है. 

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