Former Air Force chief Arup Raha called for military operation against Pakistan sponsored terrorists in wake of Pahalgam Terror Attack | Pahalgam Terror Attack: IAF के पूर्व प्रमुख अरूप राहा का बोले
Pahalgam Terror Attack: वायुसेना के पूर्व प्रमुख अरूप राहा ने पहलगाम हत्याकांड के मद्देनजर ‘पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों’ के खिलाफ सैन्य अभियान चलाने की बात कही. उरी व पुलवामा हमलों के बाद किए गए हमलों का हवाला देते हुए कहा कि भारत ने इस ‘मिथक’ को तोड़ दिया है कि दो परमाणु शक्ति संपन्न देश युद्ध नहीं लड़ सकते.
उरी हमले के बाद कश्मीर के पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से में आतंकवादी ठिकानों पर सेना की ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ और पुलवामा में सुरक्षाकर्मियों के काफिले पर हमले के बाद बालाकोट में वायुसेना के हवाई हमले रिटायर एयर चीफ मार्शल ने जिक्र किया. उन्होंने कहा कि भारत ने ‘आतंकवाद के अपराधियों को दंडित करने के मामले में अतीत में अच्छा काम किया है. राहा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘यह जरूरी है कि भारतीय सशस्त्र बल फिर से वैसे हमले करें, ताकि हमारे दुश्मनों को पता चले कि उनका किससे पाला पड़ा है. यह समय की मांग है.’
बालाकोट और उरी जैसे हमला करने की सलाह
रिटायर एयर चीफ मार्शल ने कहा, ‘ऐसी कार्रवाइयां कैसे और कब होंगी मैं यह बताने की स्थिति में नहीं हूं. लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि हमने बालाकोट और उरी में पहले भी ऐसा किया है. हम ऐसा करने के आदी हैं और हम फिर से ऐसा कर सकते हैं. भारत ने पहले ही इस मिथक को तोड़ दिया है कि एक परमाणु शक्ति संपन्न देश दूसरे मुल्क पर सैन्य बल का प्रयोग नहीं कर सकता.
राहा ने ये टिप्पणी एक दिन बाद की जब भारत ने पाकिस्तान से सार राजनयिक संबंध खत्म कर दिए. इस दौरान भारत ने पाकिस्तानी रक्षा सलाहकारों और वीजा धारक नागरिकों को देश से निष्कासित कर दिया. अटारी की को सील करने और 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने का फैसला किया. यह कदम कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में उठाया गया है, जिसमें कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई है. मृतकों में अधिकांश पर्यटक थे और उनके परिवार के सामने उन्हें गोली मार दी गई.
पाकिस्तानी सेना पर फूटा वायुसेना अधिकारी का गुस्सा
वायुसेना के पूर्व प्रमुख अरूप राहा ने उस देश को 1971 के अपने कुकृत्यों के परिणामस्वरूप 93,000 युद्धबंदियों को आत्मसमर्पण करने का अपमान सहना पड़ा. वह देश अब हताश है और लगभग हर देश के सामने भीख का कटोरा फैला रहा है. ऐसे समय में पाकिस्तानी सेना इस तरह के आतंकवादी कृत्यों को बढ़ावा देकर अपने मंसूबों में नयी जान फूंकने की कोशिश कर रही है.’ यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें पक्के तौर पर ऐसा लगता है कि पहलगाम नरसंहार में पाकिस्तानी सशस्त्र बलों का हाथ है तो राहा ने जवाब दिया, ‘क्या आपको इस पर कोई संदेह है?’ उन्होंने भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिए कुछ सुझाव भी दिए. भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिए खुफिया जानकारी ही एकमात्र साधन है.