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Himachal Pradesh CM Sukhvinder Singh Sukhu In Niti Aayog Meeting PM Narendra Modi ann


CM Sukhvinder Singh Sukhu In Niti Aayog Meeting: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शनिवार (24 मई) को नई दिल्ली में नीति आयोग की दसवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में भाग लिया, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. 

नीति आयोग की बैठक में सीएम सुक्खु ने जल-विद्युत परियोजनाओं और पर्यटन मामलों को उठाया. साथ ही पीएम मोदी से तुर्की के सेब आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग भी उठाई. इसके अलावा उन्होंने केंद्र से लंबित देय राशि जारी करने की वकालत की. नीति आयोग की बैठक में इस वर्ष ‘विकसित भारत के लिए विकसित राज्य/2047’ विषय पर चर्चा की गई. बैठक में विकास की राह में चुनौतियां और विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इन चुनौतियों का सामना करने पर बल दिया गया.

सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पर्वतीय राज्यों की विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न योजनाओं की पात्रता में छूट देते हुए अधिक धनराशि आवंटित की जानी चाहिए. उन्होंने राज्य को लम्बे समय से लंबित देय राशि को भी जारी करने की मांग की. सीएम ने कहा कि अगर केंद्र द्वारा लम्बित देय राशि को समय पर जारी किया जाता है तो हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भर राज्य बन जाएगा.

सरकार के विजन की दी जानकारी
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश को देश के पर्यटन मानचित्र पर सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल के रूप में लाने के लिए राज्य सरकार के विजन के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी. प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं. देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए धार्मिक, इको, जल, प्राकृतिक गतिविधि आधारित और स्वास्थ्य पर्यटन को विविध आयाम प्रदान किए जा रहे हैं. 

उन्होंने कहा कि कांगड़ा हवाई अड्डे पर बड़े विमानों के उतरने के लिए हवाई पट्टी का विस्तारीकरण किया जा रहा है जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने के साथ-साथ पर्यटकों को भी सुविधा होगी. सीएम ने जल विद्युत परियोजनाओं में राज्यों के अधिकारों की भी पुरजोर वकालत की और मुफ्त रॉयल्टी और 40 वर्ष पूरे कर चुके पीएसयू और सीपीएसयू को राज्य को सौंपने का मामला भी उठाया. 

रॉयल्टी का मुद्दा भी उठाया
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की ऊर्जा नीति के अनुसार रॉयल्टी संबंधी मामला भी उठाया. सरकार की वर्तमान नीति के अनुसार पहले 12 वर्षों के लिए 12 प्रतिशत, उसके उपरांत 18 वर्षों के लिए 18 प्रतिशत और इसके बाद 10 वर्षों के लिए 30 प्रतिशत रॉयल्टी का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कार्यरत निजी कम्पनियां सरकार की ऊर्जा नीति की अनुपालना कर रही हैं. उन्होंने केंद्रीय पीएसयू को भी इस नीति को अपनाने पर बल दिया. 

2026 तक हरित ऊर्जा राज्य का लक्ष्य
सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की वन संपदा उत्तर भारत को प्राण वायु प्रदान करती है और देश के हरित आवरण को संरक्षित रखने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं. उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए राज्य को ग्रीन बोनस मिलना चाहिए. प्रदेश सरकार ने हिमाचल को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. आगामी समय में हिमाचल देश के अग्रणी ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादक राज्य के रूप में उभरेगा. जिला सोलन में राज्य सरकार ऑयल इंडिया लिमिटेड के साथ मिलकर एक मेगावाट क्षमता का ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित कर रही है. 

‘पहाड़ी राज्यों की जरूरतों का रखा जाए ध्यान’
सुक्खू ने कहा कि पहाड़ी राज्यों की विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए और विभिन्न योजनाओं में पात्रता मानदंडों में ढील देते हुए धनराशि के अधिक आवंटन पर विचार किया जाना चाहिए. उन्होंने तुर्की के सेब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की भी मांग प्रधानमंत्री के समक्ष उठाई.



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