India Pakistan Ceasefire Asaduddin Owaisi first reaction said It does not matter Operation Sindoor
Operation Sindoor: भारत पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकियों की पनाहगाह बना रहेगा तब तक दोनों देशों के बीच स्थायी शांति नहीं आ सकती. ऐसे में सीजफायर के होने या न होने से कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ता.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के जिम्मेदारों को सजा मिलनी ही चाहिए. मैं हमेशा बाहरी आक्रमण के खिलाफ सरकार और सशस्त्र बलों के साथ खड़ा रहा हूं और आगे भी खड़ा रहूंगा. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैं सशस्त्र बलों को उनकी बहादुरी और उनके सराहनीय कौशल के लिए धन्यवाद देता हूं. मैं सेना के जवान एम मुरली नाइक, एडीडीसी राज कुमार थापा को श्रद्धांजलि देता हूं और संघर्ष के दौरान मारे गए और घायल हुए सभी नागरिकों के लिए प्रार्थना करता हूं. उन्होंने आगे कहा कि मुझे उम्मीद है कि यह संघर्ष विराम सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को राहत देगा.
ओवैसी के मोदी सरकार से सवाल
उन्होंने कहा कि मुझे यह भी उम्मीद है कि भारतीय राजनीतिक दल पिछले दो हफ्तों से सीख लेंगे. भारत तब मजबूत होता है जब वह एकजुट होता है. जब भारतीय ही भारतीयों से लड़ते हैं तो हमारे दुश्मनों को फायदा होता है. ओवैसी ने आगे कहा कि मेरे कुछ सवाल हैं और मुझे उम्मीद है कि सरकार स्पष्ट करेगी.
ओवैसी ने आगे कहा कि मैं चाहता हूं कि हमारे प्रधानमंत्री ने किसी विदेशी देश के राष्ट्रपति के बजाय संघर्ष विराम की घोषणा की होती. हम शिमला (1972) के समझौते से हमेशा तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के खिलाफ रहे हैं. हमने अब इसे क्यों स्वीकार कर लिया है? मुझे उम्मीद है कि कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह हमारा आंतरिक मामला है.
‘क्या पाकिस्तान अपने क्षेत्र का उपयोग आतंकवाद के लिए नहीं करेगा?’
ओवैसी ने सरकार से पूछा कि हम तटस्थ क्षेत्र पर बातचीत करने के लिए क्यों सहमत हो रहे हैं? इन वार्ताओं का एजेंडा क्या होगा? क्या संयुक्त राज्य अमेरिका यह गारंटी देता है कि पाकिस्तान अपने क्षेत्र का उपयोग आतंकवाद के लिए नहीं करेगा? क्या हमने पाकिस्तान को भविष्य में आतंकी हमले करने से रोकने का अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है? क्या हमारा लक्ष्य ट्रंप की मध्यस्थता से युद्ध विराम करवाना था या फिर पाकिस्तान को ऐसी स्थिति में लाना था कि वह किसी और आतंकी हमले के बारे में सपने में भी न सोचे? हमें पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में डालने के लिए अंतरराष्ट्रीय अभियान जारी रखना चाहिए.
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