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IAF at Ganga Expressway: भारतीय वायुसेना के वीर जवानों ने शुक्रवार (2 मई 2025) की रात को शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेसवे पर बनी हवाई पट्टी पर लड़ाकू विमान उतारकर इतिहास रचा दिया. गंगा एक्सप्रेस वे देश का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे बन गया, जहां अब फाइटर प्लेन की रात में भी लैंडिंग हो सकती है. युद्ध या राष्ट्रीय आपातकाल के समय वैकल्पिक रनवे के रूप में एक्सप्रेसवे की क्षमता का आकलन करने के लिए यह अभ्यास आयोजित किया गया.
दिन-रात कभी भी हो सकती है लड़ाकू विमानों की लैंडिंग
गंगा एक्सप्रेसवे पर रात में फाइटर प्लेन की लैंडिंग के दौरान बरेली इटावा मार्ग जलालाबाद से मदनपुर तक बंद था. इस एक्सप्रेसवे की खासियत यह है कि यह लड़ाकू विमानों को दिन और रात दोनों समय में उड़ान भरने की सुविधा प्रदान करता है. इससे पहले शुक्रवार को ही दिन में गंगा एक्सप्रेसवे के साढ़े तीन किलोमीटर लंबे हिस्से पर भारतीय वायुसेना ने अपना लैंड एंड गो (विमानों का आगमन और प्रस्थान) अभ्यास किया, जो देश की रक्षा तैयारियों के लिहाज से अहम है.
इन एक्सप्रेसवे पर दिन में किया जा चुका है लैंडिंग
अब तक लखनऊ-आगरा और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर विमानों को उतारने और उड़ाने का इस तरह का आपातकालीन अभ्यास किया जा चुका है, लेकिन वे दिन के समय तक ही सीमित थे. भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों का शो देखने के लिए 500 से ज्यादा स्कूली बच्चों को बुलाया गया. उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र प्रसाद और उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर समेत समेत राज्य के मुख्य सचिव मनोज सिंह भी फ्लाइट शो देखने के लिए पहुंचे.
#WATCH शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश: भारतीय वायु सेना (IAF) गंगा एक्सप्रेसवे पर टेक-ऑफ और लैंडिंग अभ्यास कर रही है।
युद्ध या राष्ट्रीय आपातकाल के समय वैकल्पिक रनवे के रूप में एक्सप्रेसवे की क्षमता का आकलन करने के लिए यह अभ्यास आयोजित किया जा रहा है। pic.twitter.com/AlWxSFTGcz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 2, 2025
कौन-कौन से फाइटर प्लेन ने लिया हिस्सा
इस परीक्षण में राफेल, एसयू-30 एमकेआई, मिराज-2000, मिग-29, जगुआर, सी-130जे सुपर हरक्यूलिस, एएन-32 और एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर सहित भारतीय वायुसेना के कई विमान शामिल हुए. इस कार्यवाही की निगरानी के लिए शीर्ष रक्षा और राज्य अधिकारी भी मौजूद थे. उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने सितंबर 2021 में मेरठ और प्रयागराज के बीच 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी दी थी.
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