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Indian Army Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पाकिस्तानी आतंकियों ने भारतीय पर्यटकों की हत्या कर दी, जिसके बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान और पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (POK) में 9 आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले करके उन्हें पूरी तरह से बर्बाद कर दिया. भारतीय की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान में हाहाकार मच गया.

भारत के सटीक हमलों के नतीजों के सामने आने के बाद पाकिस्तान पूरी तरह बौखला गया और भारत के सीमावर्ती नागरिक और सैन्य इलाकों में भारी गोलीबारी और बमबारी शुरू कर दी. पाकिस्तान की ओर से की गई बमबारी में जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों के करीब 27 नागरिकों की मौत हो गई.

भारतीय सेना ने पाकिस्तान को दिया मुंहतोड़ जवाब

पाकिस्तान की ओर से किए गए हमलों के बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई जवाबी कार्रवाई के प्रभाव पर बोलते हुए भारतीय सेना के मेजर रैंक के एक अधिकारी ने कहा, ‘गोली उन्होंने चलाई थी, पर धमाका हमने किया.’

उन्होंने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर कोई प्रतिक्रिया नहीं थी, यह एक सुनियोजित और मिशन ओरिएंटेड स्ट्राइक था. हमारा उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट था कि हमें दुश्मन के आतंकवादी ढांचों और उनके घुसपैठ में सहायक बनने वाली सभी पोस्ट को पूरी तरह से तबाह करना है और हम इसके लिए मानसिक, सामरिक और तार्किक रूप से पूरी तरह से तैयार थे.’

उन्होंने कहा, ‘इस सटीक कार्रवाई को अंजाम देने के लिए हमारे पास स्वदेशी एडवांस्ड रडार सिस्टम्स और कई तरह से लक्ष्य हासिल करने वाली सिस्टम मौजूद थे, लेकिन इन सबके अलावा हमारे पास जो सबसे महत्वपूर्ण चीज थी, वो है हमारे भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों का जज्बा और उसमें कोई कमी नहीं थी.’

PAK में एक्शन के दौरान कोई जवान घायल नहीं हुआ: मेजर

भारतीय सेना के मेजर ने इस बात की भी पुष्टि की कि पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए भारतीय सशस्त्र बल का कोई भी जवान हताहत नहीं हुआ. ऑपरेशन सिंदूर के तहत शुरुआती कार्रवाई में भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को कुल 9 आतंकी ठिकानों के पूरी तरह से नष्ट कर दिया.’

उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान की ओर से भारी गोलाबारी की गई, लेकिन मैं गर्व से कह सकता हूं कि हमारे ओर से कोई हताहत नहीं हुआ. हमारा लक्ष्य पूरी तरह से स्पष्ट था कि हमें आतंकी ढांचों को नष्ट करना है, लेकिन जब पाकिस्तान ने हमारे नागरिक और सैन्य ठिकानों को अपना निशाना बनाने कोशिश की तो हमने भी ये ठान ली कि अगर वे हमारे गांवों पर हमला करेंगे तो हम उनकी चौकियों को पूरी तरह से बर्बाद कर देंगे.’





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