Indore MP Cabinet Meeting chaired by CM Mohan Yadav on the vision of developed Madhya pradesh 2047 ANN
MP News: लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती वर्ष के शुभ अवसर पर इंदौर के ऐतिहासिक राजवाड़ा में रविवार (19 मई) को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में विकसित मध्यप्रदेश @2047 दृष्टिपत्र पर मंत्रिमंडलीय मंथन हुआ. यह आयोजन केवल एक औपचारिक बैठक नहीं, बल्कि 2047 तक मध्यप्रदेश को एक समावेशी, आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी राज्य के रूप में विकसित करने की दिशा में उठाया गया एक महत्त्वपूर्ण कदम रहा.
विकसित मध्यप्रदेश 2047: लक्ष्य और संकल्प
राज्य सरकार ने वर्ष 2047 तक मध्यप्रदेश को समेकित सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में अग्रसर करते हुए दोहरे ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को अपनाया है. इसे मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया गया.
विजन डॉक्यूमेंट में प्रमुख लक्ष्य क्या तय किए गए?
- राज्य की जीएसडीपी: वर्तमान 15.03 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 250 लाख करोड़ रुपये (2 ट्रिलियन डॉलर).
- प्रति व्यक्ति आय: 1.6 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.2 लाख रुपये.
- साक्षरता दर: 75.2% से बढ़ाकर 100%.
- औसत आयु: 67.4 वर्ष से बढ़ाकर 84 वर्ष से अधिक.
- नवकरणीय ऊर्जा: कुल ऊर्जा स्रोतों में 22.5% से बढ़ाकर 75% से अधिक तक.
सीएम मोहन यादव ने क्या कहा?
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस दौरान कहा, “हम लोकमाता अहिल्याबाई के सुशासन, न्याय और सेवा के आदर्शों पर चलते हुए एक नए, आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की नींव रख रहे हैं.”
आर्थिक संरचना में संतुलन का रोडमैप :
वर्तमान में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को संतुलित करते हुए उद्योग और सेवा क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने की योजना बनाई गई है. इसमें निम्नलिखित लक्ष्य हैं-
- कृषि का योगदान: 43% से घटाकर 24-28% तक.
- उद्योग का योगदान: 21% से बढ़ाकर 21-25%.
- सेवाओं का योगदान: 36% से बढ़ाकर 49-53%.
- इसके तहत स्टार्टअप्स, MSMEs और मेगा इंडस्ट्रियल क्लस्टर्स को सशक्त किया जाएगा.
विजन डॉक्यूमेंट निर्माण की विस्तृत प्रक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत @2047” के आह्वान के अनुरूप, मध्यप्रदेश सरकार ने व्यापक परामर्श के साथ अपना दृष्टिपत्र तैयार किया. इसमें निम्नलिखित चरण शामिल रहे:
- अप्रैल 2024: नीति आयोग से प्रारंभिक संवाद.
- मई-सितंबर 2024: आठ थीमैटिक समूहों द्वारा गहन विभागीय चर्चाएं.
- नवंबर 2024: भोपाल में नीति आयोग के साथ कार्यशाला.
- जन संवाद: जिलों में परामर्श, नागरिक सर्वेक्षण, निबंध प्रतियोगिता, शिक्षाविदों, उद्योग संगठनों और विषय विशेषज्ञों के साथ संवाद.
- इन चर्चाओं का समावेश कर एक ऐसा विजन तैयार किया गया है जो भूमि से जुड़ा हुआ, व्यावहारिक और दूरदर्शी है.
आठ प्रमुख विषयगत समूह (थीमैटिक ग्रुप्स):
1. उद्योग एवं स्टार्टअप्स
2. कृषि एवं वनोत्पाद
3. सेवाएं
4. अधोसंरचना एवं नगरीय विकास
5. शिक्षा
6. स्वास्थ्य
7. सुशासन एवं नागरिक सेवाएं
8. वित्तीय नियोजन एवं संवर्धन
इन समूहों ने वरिष्ठ अधिकारियों, विशेषज्ञों और हितधारकों की भागीदारी से कार्ययोजना तैयार की.
क्रियान्वयन की मजबूत व्यवस्था
दृष्टिपत्र को साकार करने के लिए निम्न रणनीतियां अपनाई जाएंगी:
उच्च स्तरीय क्रियान्वयन समिति का गठन.
डिजिटल ट्रैकिंग और लाइव डैशबोर्ड के माध्यम से योजनाओं की निगरानी.
सभी विभागों के लिए मापनीय लक्ष्यों के साथ वार्षिक कार्ययोजनाएं.
जनभागीदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी साधनों का उपयोग.
मुख्यमंत्री मोहन यादव का संदेश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, “2047 का मध्यप्रदेश केवल आर्थिक रूप से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और मानवीय दृष्टि से भी विकसित होगा. हम सबके प्रयासों से एक ऐसा राज्य बनाएंगे जो आने वाली पीढ़ियों के लिए गौरव का विषय बनेगा.”