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Jaipur Cyber Crime Criminals Targeting School And College Students Account To Transfer Fraudulent Money In Rajasthan ANN


Rajasthan Cyber Fraud: राजस्थान में साइबर अपराधी फ्रॉड की रकम को ट्रांसफर करने के लिए इन दिनों स्कूल- कालेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंटस को अपना शिकार बना रहे हैं. जांच में इस बात का खुलासा हुआ है स्टूडेंट्स और दूसरे युवाओं को कुछ पैसों का लालच देकर उनके अकाउंट किराए और कमीशन पर लिए जा रहे हैं या फिर उनसे चार- चार, पांच- पांच अकाउंट खुलवाकर उन्हें खुद ऑपरेट किया जा रहा है. 

राजस्थान में इस तरह के तकरीबन एक लाख संदिग्ध खातों की पहचान की गई है. राजस्थान के अलग-अलग जिलों में पिछले दिनों साइबर फ्रॉड करने वाले गिरोहों को पकड़ा गया तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ. पुलिस को जानकारी मिली कि फ्रॉड करने वाले ठगी की रकम अपने या परिवार के लोगों के अकाउंट में ट्रांसफर करने के बजाय नए अकाउंट में ट्रांसफर कर रहे हैं. छानबीन में यह सामने आया कि जिन बैंक खातों में रुपए ट्रांसफर किए गए, उनमें से बड़ी संख्या में स्कूल कालेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंटस व दूसरे युवाओं के हैं. 

स्टूडेंटस और दूसरे युवाओं को जाल में फंसाया

हालांकि इनमें से ज्यादातर को यह भी नहीं पता कि उनके अकाउंट में पैसे कब आए और निकाले गए. पैसे कहां से आए और उसका मकसद क्या था? पुलिस की जांच के बाद कई स्टूडेंटस और दूसरे युवाओं को कानूनी पेचीदगियों का सामना भी करना पड़ा. पड़ताल में यह बात भी सामने आई कि साइबर अपराधियों ने एजेंटों के माध्यम से तमाम स्टूडेंटस और दूसरे युवाओं को अपने जाल में फंसा रखा है. 

पैसों का लालच देकर खुलवाए जाते कई अकाउंट

युवाओं को गुमराह कर इन्हें यह बताया जाता है कि बिजनेस की रकम ट्रांसफर की जानी है और उनके अकाउंट के बदले उन्हें कुछ पैसे दिए जाएंगे. इसके साथ ही तमाम स्टूडेंट्स को जानकारी देकर उन्हें लेनदेन का कमीशन भी दिया जाता है. कई स्टूडेंटस और दूसरे युवाओं को पैसों का लालच देकर उनके नाम से कई बैंक अकाउंट खुलवाए जाते हैं. अकाउंट किसी के नाम होते हैं और उन्हें ऑपरेट कोई दूसरा करता है. कुछ मामलों में सेविंग अकाउंट खोले जाते हैं तो कुछ मामलों में करंट अकाउंट भी. 

राजस्थान के डीजीपी ने क्या कहा?

साइबर क्राइम को-आर्डिनेशन सेंटर के रिकॉर्ड के मुताबिक राजस्थान राज्य में 1,11,307 संदिग्ध बैंक खाते हैं. इनमें बड़ी संख्या में स्टूडेंटस और दूसरे युवाओं के हैं. अब राज्य के सभी जिलों के पुलिस कमिश्नर और अधीक्षकों को पत्र जारी कर इन बैंक खातों की पड़ताल कराने को कहा गया है. इस बारे में राजस्थान के डीजीपी उत्कल रंजन साहू ने कहा, ”ऐसे मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. स्टूडेंटस और युवाओं को लालच छोड़नी होगी, नहीं तो उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. 

डीजीपी ने आगे कहा, ”अपने बैंक खातों का इस्तेमाल किसी दूसरे को कतई नहीं करने देना चाहिए. माता-पिता को भी बच्चों के बैंक खातों को चेक करते रहना चाहिए और उनकी फिजूल खर्ची पर नजर रखना चाहिए. साइबर फ्रॉड को रोकने और संदिग्ध बैंक खातों की पड़ताल करने के लिए साइबर कमांडोज की तैनाती की जा रही है. इसके अलावा एक महीने का विशेष अभियान भी शुरू किया जा रहा है.”

क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट? 

इस बारे में राजस्थान की राजधानी जयपुर के साइबर एक्सपर्ट मुकेश चौधरी ने कहा, ”छात्र कम उम्र के होते हैं. साथ ही उनकी महत्वाकांक्षाएं बहुत होती हैं, लेकिन आसानी से अच्छे बुरे की समझ नहीं कर पाते. वह सॉफ्ट टारगेट होते हैं. ऐसे में उन्हें अपने जाल में फंसाना आसान होता है. मुकेश चौधरी ने सलाह दी है कि युवाओं को लालच में नहीं पड़ना चाहिए, क्योंकि यह उनके लिए बड़ी मुसीबत का सबब बन सकता है. उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेज सकता है और उनके भविष्य व करियर को खतरे में डाल सकता है.”

 



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