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Jamiat Ulama e Hind filed petition against Waqf Amendment Act will be heard in the Supreme Court


Waqf Amendment Act: वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ दायर याचिका पर 16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस मामले की शीघ्र सुनवाई की अपील की थी.

जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि वक्फ कानून संविधान, धर्मनिरपेक्षता और देश की एकता व शांति के लिए बड़ा खतरा है. हमें पूरा विश्वास है कि इस मामले में अदालत से हमें न्याय मिलेगा, क्योंकि इस कानून की कई धाराएं न केवल देश के संविधान के खिलाफ हैं बल्कि इससे नागरिकों के मौलिक और धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन भी होता है.

‘सांप्रदायिक ताकतें हमारी मस्जिदों को निशाना बना रहीं’ 
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि यह कानून ऐसे समय में लाया गया है जब पूरे देश में मुसलमानों के खिलाफ नफरत की आंधी चल रही है. हमारी कई मस्जिदें और दरगाहें पहले ही निशाना बनाई जा चुकी हैं और वहां मंदिर होने के दावे किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर यह असंवैधानिक कानून भी लागू हो गया तो इन बेलगाम सांप्रदायिक ताकतों को हमारी मस्जिदों, खानकाहों, कब्रिस्तानों और इमामबाड़ों को निशाना बनाने का आधार भी मिल जाएगा.

वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ कई याचिकाएं
वक्फ संशोधन कानून को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. कई मुस्लिम संगठनों ने सरकार के खिलाफ कड़ी नाराजगी जताई है. इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं. कांग्रेस के दो सांसद मोहम्मद जावेद और इमरान प्रतापगढ़ी ने भी इस कानून को चुनौती दी है. जमीयत उलमा ए हिंद की तरफ से दायर इस याचिका पर अब 16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. AIMIM अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं.

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