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Jharkhand Monsoon may arrive by June 15 this year know IMD Weather update news


Jharkhand Monsoon Update: झारखंड में दक्षिण-पश्चिम मानसून के जून के मध्य में पहुंचने की संभावना है. मौसम विभाग के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि 10 जून के बाद मानसून की प्रगति में तेजी आने की संभावना है.

इस साल मानसून ने तय समय से एक सप्ताह पहले 24 मई को केरल में दस्तक दी. आम तौर पर, दक्षिण-पश्चिमी मानसून एक जून तक केरल में दस्तक देता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में पहुंच जाता है.

मानसून के आगमन की सामान्य तिथि 10 जून

झारखंड में मानसून के आगमन की सामान्य तिथि 10 जून है. हालांकि, मौसम विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार 2010 से झारखंड में मानसून का आगमन 12 जून से 25 जून के बीच हो रहा है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग के रांची केंद्र के उपनिदेशक अभिषेक आनंद ने कहा, ‘‘झारखंड में 12 जून से पहले मानसून के पहुंचने की संभावना नहीं है. अगर स्थिति अनुकूल रही तो जून के मध्य तक इसके पहुंचने की उम्मीद है.’’

उन्होंने बताया कि झारखंड में फिलहाल पश्चिमी हवा चल रही है. आनंद ने कहा, ‘‘जब तक यह पूर्वी हवा में नहीं बदल जाती और नमी लेकर नहीं आती, तब तक राज्य में मानसून के आगे बढ़ने की संभावना नहीं है. राज्य में 10 जून के बाद पूर्वी हवा चलने की संभावना है जो मानसून की प्रगति में मदद कर सकता है.’’

एक जून से सात जून तक झारखंड में बारिश सामान्य

मई के आखिरी सप्ताह में बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना एक तंत्र बांग्लादेश के रास्ते देश के पूर्वोत्तर भागों की ओर बढ़ गया. आनंद ने कहा, ‘‘अगर यह इस क्षेत्र की ओर बढ़ जाता तो मानसून झारखंड में पहले आ सकता था.’’

आईएमडी के अनुसार, एक जून से सात जून तक झारखंड में बारिश सामान्य रही है. इस अवधि के दौरान राज्य में 19.4 मिलीमीटर सामान्य बारिश के मुकाबले 19.2 मिलीमीटर बारिश हुई.

आईएमडी द्वारा आधिकारिक तौर पर एक जून से 30 सितंबर तक की बारिश को मानसून की बारिश माना जाता है. आनंद ने कहा कि राज्य में रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण किसानों के लिए धान की पौध तैयार करने के लिए स्थिति अनुकूल है.

झारखंड में पिछले मानसून में सामान्य बारिश हुई थी. पिछले साल एक जून से 30 सितंबर तक राज्य में 1011.6 मिलीमीटर बारिश हुई थी. झारखंड सरकार ने 2023 में 17 जिलों के 158 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया था, जबकि 2022 में मानसून के पहले दो महीनों जून और जुलाई में कम बारिश के कारण राज्य के 260 प्रखंडों में से 226 को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था.

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