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JNU में तुर्की बंद, सेब से लेकर टूरिज्म तक… पाकिस्तान के ‘ड्रोन दोस्त’ को जानिए क्या-क्या जवाब




नई दिल्ली:

तुर्की तो बड़ा ही दगाबाज निकला. साल 2023 में आए भीषण भूकंप के बाद जिस देश की मदद ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत राहत सामग्री भेजकर की थी, उसने पाकिस्तान (Turkey Support Pakistan) का साथ दिया. ऑपरेशन सिंदूर के वक्त समुद्री जहाज और हरक्यूलिस विमान के जरिए पाकिस्तान को मदद पहुंचाने की चर्चा हर तरफ हो रही है. तुर्की के साथ अजरबैजान पाकिस्तान के साथ खड़े नजर आए थे. तुर्की के खिलाफ भारत में गुस्सा बढ़ रहा है. सोशल मीडिया पर ‘बॉयकॉट तुर्की’ ट्रेंड कर रहा है. उसके सामान के बहिष्कार की मांग तेज हो रही है. सरकार भी पाकिस्तान के इस ड्रोन दोस्त को तुर्की-ब-तुर्की यानी उसी की भाषा में जवाब दे रही है. जानिए अब तक तुर्की पर क्या क्या ऐक्शन हुए हैं… 

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पाक का खूब दिया साथ, अब तुर्की का क्या होगा?

भारत का सख्त एक्शन जानिए

  • भारतीय व्यापारी टर्किश सेब का बहिष्कार कर रहे हैं.
  • भारतीय तुर्की की यात्रा का बहिष्कार कर रहे हैं. तुर्की की फ्लाइट और होटल बुकिंग कैंसिल हो रही हैं. मेक माई ट्रिप के मुताबिक तुर्की और अजरबैजान की बुकिंग में आई 60% की गिरावट आई है. 2024 में भारत से 3.3 लाख लोग तुर्की घूमने गए थे. एक अनुमान के मुताबिक इन भारतीय ने करीब 350 से 400 मिलियन डॉलर वहां खर्च किए थे. 
  • इसके साथ ही JNU ने तुर्की की यूनिवर्सिटी संग अपना समझौता स्थगित कर दिया है. जेएनयू में तुर्की नहीं पढ़ाई जाएगी.
  • पुणे के व्य्पारियों ने तुर्की के सेबों की बिक्री बंद की.
  • साहिबाबाद फल मंडी के व्यापारी भी कर रहे टर्किश सेब और फलों का बहिष्कार 
  • उदयपुर के व्यापारियों ने किया टर्की से मार्बल आयात नहीं करने का ऐलान

बता दें कि भारत में करीब 70 प्रतिशत मार्बल तुर्की से आयात होता है. अगर ये मार्बल आयात बंद हुआ तो अंदाजा लगा लीजिए कि तुर्की को कितना नुकसान उठाना पड़ सकता है.

टर्किश सेब के आयात पर प्रतिबंध की मांग

हिमालयन एप्पल ग्रोअर्स सोसाइटी ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर तुर्की से सेब आयात पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की मांग की है.उनका कहना है कि वहां से आने वाले सेब की वजह से हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड के बागवान संकट में हैं. 

भारत के व्यापार बंद करने से तुर्की को क्या नुकसान?

पिछले कुछ सालों से तुर्की की अर्थव्यवस्था वैसे ही चरमराई हुई है. तुर्की की करेंसी लीरा लगातार गिर रही है. अब भारत के इस एक्शन से उसे और नुकसान उठाना पड़ सकता है. अगर उसे भारत से इतना बड़ा झटका लगा तो तुर्की इसे कैसे झेलेगा, ये बड़ा सवाल है. हर साल बड़ी संख्या में भारतीय तुर्की घूमने जाते हैं. साल 2024 में 3.3 लाख भारतीय पर्यटकों तुर्की गए थे. अगर भारत ने तुर्की का टूरिज्म रोक दिया तो उसे करोड़ों डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है. 

पाक की मदद दोस्त को पड़ेगी महंगी

सूत्रों के मुताबिक तुर्की ने ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ पाकिस्तान को जमकर सैन्य सहायता मुहैया करवाई थी. पाक के जगिरी ने न सिर्फ उसे जंग जहाज, ड्रोन भेजे बल्कि अरब सागर में उसके लिए नेवल शिप भी तैनात कर दिए थे, ताकि वह भारत को मात दे सके. हालांकि पाक को मुंह की खानी पड़ी. शक ये भी जताया जा रहा है कि तुर्की ने एक विमान से पाक की मदद के लिए खूब हथियार भी भेजे थे. अब तुर्की को पाक से दोस्ती निभाना महंगा पड़ रहा है. अब उसे भारत से मिलने वाली आर्थिक मार झेलनी पड़ेगी. 







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