Fashion

Kheer Bhawani Mela Kashmiri Pandits says Faith is more powerful than fear Pahalgam Terror Attack


तुलमुल में आयोजित खीर भवानी मेले में काफी संख्या में कश्मीरी पंडितों ने जुटकर इस बात को साबित कर दिया कि आस्था हमेशा डर पर भारी पड़ती है. पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले और सीमा पर बढ़े तनाव के बाद यह आयोजन हो रहा है. मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में विशाल चिनार के पेड़ों की छाया में बसा रागन्या देवी का मंदिर मेले के लिए सजाया गया है, देशभर से हजारों श्रद्धालु ज्येष्ठ अष्टमी के अवसर पर पूजा-अर्चना कर रहे हैं.

मेले के मार्गों के चारों ओर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

श्रीनगर से लगभग 25 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित मंदिर और घाटी में मेले के मार्गों के चारों ओर बहु-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है. कश्मीरी पंडित नन्ना जी ने कहा, ‘‘पहलगाम हमले का कुछ असर जरूर है.’’ उन्होंने कहा कि यह हमला हिंदू-मुस्लिम भाईचारे को खत्म करने के लिए पाकिस्तान की एक चाल है.

‘कश्मीरी पंडित, कश्मीरी मुसलमान के बिना अधूरा’

नन्ना जी ने कहा, ‘‘लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि कश्मीरी पंडित, कश्मीरी मुसलमान के बिना अधूरा है और कश्मीरी मुसलमान, कश्मीरी पंडित के बिना अधूरा है.’’ उन्होंने कहा कि ऐसी साजिशों को कभी सफल नहीं होने दिया जाएगा.

तीर्थयात्रियों में कई ऐसे हैं जिनके परिवारों को तनाव फैलने के बाद कश्मीर घाटी को छोड़ना पड़ा था. कई लोगों का कहना था कि उन्होंने घाटी में शांति और अपने ‘वनवास’ को समाप्त करके सम्मानजनक वापसी के लिए प्रार्थना की.

‘आस्था डर से कही अधिक शक्तिशाली है’

जम्मू में रहने वाले कश्मीरी पंडित भारत भूषण ने कहा कि मेले में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या पहलगाम हमलावरों को करारा जवाब है. भूषण ने कहा, ‘‘यह उनके लिए करारा जवाब है. हम उन्हें बताना चाहते हैं – आस्था डर से कही अधिक शक्तिशाली है और डर पर हमेशा आस्था भारी पड़ती है.’’ उन्होंने पर्यटकों से कश्मीर घाटी में आने की भी अपील की.

भूषण ने कहा, ‘‘कुछ दुष्ट लोग हैं जो हिंदू-मुस्लिम भाईचारे को खत्म करना चाहते हैं. उन्होंने (पहलगाम में) ऐसा करने की कोशिश की. लेकिन, आज इस अवसर पर हम उन्हें जवाब देना चाहते हैं और कहना चाहते हैं कि भाईचारा कायम रहेगा.’’

‘श्रद्धालुओं की मौजूदगी एक अच्छा संदेश देगी’

अनंतनाग जिले के मट्टन इलाके से पलायन करने वाले एक युवा कश्मीरी पंडित मुक्तेश योगी ने कहा कि मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की मौजूदगी एक अच्छा संदेश देगी. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि लोग बधाई के पात्र हैं जिस तरह वे यहां आए और यहां इतना उत्साह है. यहां श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में मौजूदगी देश के लिए एक अच्छा संदेश है कि यहां कोई खतरा नहीं है और कश्मीर के लोग स्वागत कर रहे हैं.’’

पुरुषों ने मंदिर के पास के कुंड में डुबकी लगाई

पुरुषों ने मंदिर के पास के कुंड में डुबकी लगाई. भक्तों ने परिसर के भीतर पवित्र झरने पर दूध और खीर चढ़ाते हुए भगवान को नमन किया. ऐसा माना जाता है कि मंदिर के नीचे बहने वाले झरने के पानी का रंग घाटी की स्थिति को दर्शाता है.

काला या गहरा रंग कश्मीर के लिए अशुभ समय का संकेत

अधिकांश रंगों का यहां कोई विशेष महत्व नहीं है, लेकिन पानी का काला या गहरा रंग कश्मीर के लिए अशुभ समय का संकेत माना जाता है. इस साल झरने का पानी साफ और दूधिया सफेद है. योगी ने कहा, ‘‘ हम लौटना चाहते हैं. ये अच्छी बात है. वार्ता प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए. लेकिन ये महज बयानबाजी तक महदूद नहीं रहनी चाहिए. कुछ ठोस किया जाना चाहिए.’’



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *