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Khelo India Youth Games 2025 concludes with grand finale Bihar registers 620% medal increase 15th rank in sport


Khelo India Youth Games 2025: पटना के पाटलीपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में भव्य रंगारंग कार्यक्रम के साथ खेलो इंडिया यूथ गेम्स का सातवां संस्करण शुक्रवार को सम्पन्न हो गया. 4 मई से शुरू हुए इस महा आयोजन में न केवल बिहार ने अपने खिलाड़ियों की उत्कृष्ट प्रतिभा से सभी का ध्यान खींचा, बल्कि एक सक्षम और सराहनीय मेजबान के तौर पर भी बिहार ने अपनी एक मजबूत छवि बनाई है. राष्ट्रीय खेलों के इतिहास में बिहार ने एक नया इतिहास रचा है.

उपमुख्यमंत्री ने की युवाओं के जोश और समर्पण की प्रशंसा 

समापन समारोह में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, केंद्रीय युवा एवं खेल राज्यमंत्री रक्षा निखिल खडसे, बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, राज्य के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा और पुलिस महानिदेशक विनय कुमार समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे. इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने बिहार के युवाओं के जोश, जुनून और समर्पण की भरपूर प्रशंसा की और विभिन्न राज्यों से आए खिलाड़ियों का भी उत्साहवर्धन किया.

उन्होंने कहा कि बिहार वर्ष 2030 में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी की तैयारी में जुट चुका है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी से पहले बिहार में उन खेलों की अंतरराष्ट्रीय स्तर की सभी सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएंगी. इसके लिए बिहार के सभी नौ प्रमंडलों में खेल गांव का निर्माण कराया जाएगा.

बता दें कि बिहार में ट्रैक साइकिलिंग, शूटिंग और जिमनास्टिक की बुनियादी सुविधाएं नहीं होने के कारण इसके मुकाबले दिल्ली में कराने पड़े हैं. बिहार ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स के इतिहास में अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 15वां स्थान प्राप्त किया. अकसर, बिहार के खिलाड़‍ियों की तुलना झारखंड की प्रतिभा से की जाती थी, लेकिन इस बार बिहार के खिलाड़ियों ने 620 प्रतिशत की छलांग लगाते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया है.

इस वर्ष बिहार के खिलाड़ियों ने 7 स्वर्ण, 11 रजत और 18 कांस्य पदक अपने नाम किए, जो कुल 36 पदकों के साथ 2023 के मुकाबले 620 प्रतिशत की वृद्धि है. वर्ष 2023 में बिहार को सिर्फ 5 पदक मिले थे. इस छलांग ने साबित कर दिया है कि अब बिहार सिर्फ कहने भर के लिए नहीं, बल्कि खेलों की नई प्रयोगशाला बनकर उभर रहा है. 

बिहार के खिलाड़‍ियों की पदक तालिका के पीछे गांवों की वो कहानियां छिपी हैं, जिसने पदक जीतने का सपना कभी नहीं छोड़ा, जहां संसाधनों के अभाव के बावजूद बच्चों ने प्रैक्टिस किया. आज उन्हीं बच्चों ने राष्ट्रीय स्तर पर बिहार का नाम रोशन किया है. खेलों में इनकी ऊर्जा, हौसले और प्रदर्शन ने हर किसी को प्रभावित किया है.

बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविन्द्रण शंकरण ने कहा, “यह सफलता एक दिन में नहीं आई. सरकार की सोच, योजनाएं और युवाओं के लिए सुविधाएं ही इसकी नींव हैं.” यह उपलब्धि कहीं न कहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शिता और प्रतिबद्धता का प्रतिफल है. इस बात को जरा भी नहीं नकारा जा सकता है. सीएम नीतीश कुमार के पहल पर ही बिहार राज्य खेल प्राधिकरण को रजिस्टर्ड कर खेल ढांचे को संस्थागत स्वरूप दिया गया. 

बिहार ने की अतिथि खिलाड़ियों की अभूतपूर्व मेजबानी

खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 के सफल आयोजन ने यह साबित कर दिया कि बिहार सिर्फ प्रतिभा के मामले में ही नहीं, बल्कि संगठन और संचालन क्षमता में भी अग्रणी है. देश के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों से आए हजारों खिलाड़ियों और अधिकारियों की आवभगत, भोजन, सुरक्षा और परिवहन की समुचित व्यवस्था करने का भी माद्दा रखता है. हर किसी ने बिहार की मेहमाननवाजी और प्रबंधन की खुले दिल से सराहना की. शुक्रवार को समापन समारोह में बिहार की संस्कृति, कला और उत्सवधर्मिता की झलक भी देखने को मिली. खिलाड़ियों के चेहरों पर जीत और गर्व की चमक ने माहौल को और जीवंत बना दिया. 

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